इंटरव्यू: फिरोजाबाद के सांसद अक्षय यादव बोले-चाचा शिवपाल कोई चुनौती नहीं, लड़ाई एकतरफा है
By निखिल वर्मा | Published: March 31, 2019 03:43 PM2019-03-31T15:43:34+5:302019-03-31T15:43:34+5:30
पिछले साल अगस्त में पारिवारिक विवाद के चलते सपा छोड़कर अलग पार्टी बनाने वाले शिवपाल यादव पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। चुनाव की तैयारियों और चाचा की चुनौती पर लोकमत ने फिरोजाबाद के सांसद अक्षय यादव से विशेष बातचीत की।
उत्तर प्रदेश की फिरोजाबाद संसदीय सीट लोकसभा चुनाव 2019 में हॉट सीट बनी हुई है। इस सीट से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल के बेटे और वर्तमान सांसद अक्षय यादव लगातार दूसरी बार सपा के टिकट पर मैदान में हैं।
अक्षय को इस सीट से उनके चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव से टक्कर मिल रही है। लोकसभा चुनाव 2014 में अक्षय यादव ने इस सीट से बीजेपी उम्मीदवार एसपी सिंह बघेल को 1.15 लाख वोटों से हराया था।
पिछले साल अगस्त में पारिवारिक विवाद के चलते सपा छोड़कर अलग पार्टी बनाने वाले शिवपाल यादव पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। चुनाव की तैयारियों और चाचा की चुनौती पर लोकमत ने फिरोजाबाद के सांसद अक्षय यादव से विशेष बातचीत की। पढ़िए इंटरव्यू के चुनिंदा अंश:-
चाचा शिवपाल सिंह यादव कितनी बड़ी चुनौती है?
चाचा कोई चुनौती नहीं है। लड़ाई एकतरफा है। मैनपुरी में शिवपाल साइकिल के लिए वोट मांग रहे हैं यहां में चाभी के लिए। फिरोजाबाद की जनता इतनी बेवकूफ नहीं है। पता नहीं चाचा को फिरोजाबाद से क्या चिढ़ थी, मंत्री रहते हुए उन्होंने यहां के लिए कुछ नहीं किया। नौकरी की लिस्ट में अगर फिरोजाबाद के लड़कों का नाम होता था तो अपने हाथ से शिवपाल लिस्ट फाड़कर फेंक देते थे। जनता को लगता है कि शिवपाल ने फिरोजाबाद के लोगों को आगे बढ़ने नहीं दिया। जितना प्रचार वो अपना करेंगे, उतना ही फायदा मुझे होगा।
महागठबंधन का वोट क्या एकजुट है?
महागठबंधन का वोट एकजुट है। आज सुबह से ही मैं बसपा के कैडर के वाले इलाके में घूम रहा है। मुझे बसपा कैडरों से पूरा समर्थन मिल रहा है। इसके अलावा 20 अप्रैल को यहां महागठबंधन की रैली होने जा रही है। इस रैली में बसपा प्रमुख मायावती, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और रालोद नेता जयंत चौधरी शामिल होंगे। यह रैली ऐतिहासिक होगी।
क्या नेताजी मुलायम सिंह यादव आपका चुनाव प्रचार करने आएंगे?
नेताजी खुद मैनपुरी से उम्मीदवार हैं। 23 अप्रैल को उनके यहां भी चुनाव हैं। मैं उनसे आग्रह करूंगा वो यहां चुनाव प्रचार के लिए आएं। 7 दिसंबर 2018 को कारगिल शहीद सम्मान समारोह में नेताजी फिरोजाबाद आए हुए थे। उन्होंने मंच से मेरा हाथ उठाकर लोगों से मुझे जिताने की अपील थी। इस रैली में करीब तीन लाख लोग आए थे। उनका आर्शीवाद मेरे साथ है।
आपके सांसद रहते सपा विधानसभा चुनाव 2017 में फिरोजाबाद इतनी बुरी तरह क्यों हारी, मेयर चुनाव में भी सपा प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहा?
पारिवारिक विवाद के बीच 2017 में हम पार्टी (सपा) बचाने की लड़ाई लड़ रहे थे। उस समय समाजवादी पार्टी के साथ साजिश हो रही थी। पार्टी के सिंबल को फैसला 12 जनवरी 2017 को आया। तब तक नामांकन चालू हो चुके थे। इसी अफरातफरी में टिकटों का बंटवारा हुआ। इसलिए हम तैयारी नहीं कर पाए। इन्हीं सब कारणों से फिरोजाबाद में समय नहीं दे पाए। पार्टी में हुए विवाद के चलते इन चुनावों में नुकसान झेलना पड़ा।
सपा विधायक हरिओम यादव आपके खिलाफ खुलेआम प्रचार कर रहे हैं? पार्टी कार्रवाई क्यों नहीं कर रही
हंसते हुए...पिछले दो साल से वो मेरे खिलाफ प्रचार कर रहे हैं। चुनाव बाद उन पर कार्रवाई की जाएगी।
क्या फिरोजाबाद में यादव वोट बंटेगा, सपा को कितना नुकसान होगा?
इस सीट पर मैं पिछले बार अधिक वोटों से जीतने जा रहा हूं। बसपा का करीब यहां ढाई लाख कैडर वोट है। इसके अलावा बीजेपी अभी तक यहां प्रत्याशी ही तय नहीं कर पाई है। कांग्रेस का प्रत्याशी नहीं है, वो वोट भी सपा को ही मिलेगा। पिछली बार मोदी लहर के चलते मुझे कम वोट मिले थे, लेकिन इस बार कहीं कोई लहर नहीं है। पिछले चुनाव में 5.40 लाख वोट मिले थे और इस बार उम्मीद है कि कम से कम 9 लाख वोट मुझे मिलने जा रहे हैं।
आप किस आधार जनता से वोट से मांग रहे हैं?
पिछले पांच की सबसे बड़ी उपलब्धि यहां 750 करोड़ का जेड़ाझाल मीठे पानी के प्रोजेक्ट की योजना रही है। इसके अलावा अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुए यहां मेडिकल कॉलेज, ट्रॉमा सेंटर, महिला कॉलेज खुलवाए। फिरोजाबाद नगर पालिका को नगर निगम की दर्जा मिला। सड़कों का जाल बिछाया गया।