लाइव न्यूज़ :

झारखंडः महागठबंधन में लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर शह-मात का खेल जारी, सीट दर सीट फंसा पेंच  

By एस पी सिन्हा | Updated: March 15, 2019 19:17 IST

झामुमो नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिल्ली में कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक कर इस पर फाइनल मुहर लगाने की कवायद में जुटे हैं. बताया जाता है कि सिंहभूम सीट पर कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा की पत्नी गीता कोडा को मैदान में उतारना चाहती है. लेकिन अब झामुमो ने भी इस पर दावा ठोक दिया है. 

Open in App

झारखंड में यूपीए गठबंधन अर्थात महागठबंधन में लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर शह-मात का खेल जारी है. सीट दर सीट पेंच फंस रहा है. कुछ खास सीटों पर गठबंधन के अंदर विवाद है. लेकिन सीट शेयरिंग को लेकर माथापच्ची जारी है. इस राह में पांच सीटों का पेंच रोड़ा बन रहा है. गोड्डा, सिंहभूम, जमशेदपुर, पलामू और चतरा वे सीटें हैं, जिन पर घटक दलों में जिच जारी है.

वहीं, झामुमो नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिल्ली में कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक कर इस पर फाइनल मुहर लगाने की कवायद में जुटे हैं. बताया जाता है कि सिंहभूम सीट पर कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा को मैदान में उतारना चाहती है. लेकिन अब झामुमो ने भी इस पर दावा ठोक दिया है. 

जमशेदपुर सीट पर भी झामुमो की दावेदारी है. जबकि यह सीट कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार की है. लिहाजा इस सीट पर अंतिम फैसला कांग्रेस को ही लेना है. दूसरी तरफ पिछले आम चुनाव में खूंटी संसदीय इलाके से दूसरे स्थान पर रहे एनोस एक्का को भी अपने खेमे में लाने के लिए कोशिश की जा रही है. मौजूदा दो लोकसभा सीट झामुमो के खाते में है. 

वहीं, गिरिडीह ऐसी सीट है जहां पिछले चुनाव में झामुमो के उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे इसके अलावा मौजूदा घटनाक्रम में झामुमो गिरिडीह के अलावे जमशेदपुर और चाईबासा जैसी सीटों पर भी नजर गड़ाए हुए. जमशेदपुर इस सीट पर पार्टी के एक युवा विधायक तैयारी में जुट गए हैं. खूंटी को लेकर भी झामुमो काफी आश्वस्त है. 

सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस आलाकमान की ओर से 7-4-2-1 का फॉर्मूला दिया गया है. मतलब कांग्रेस- सात, झामुमो- चार, झाविमो- दो और राजद- एक. इस फॉर्मूले पर अगर पूरी तरह सहमति बन गई तो सीटों को लेकर एक दूसरे को बैकफुट पर लाने की भरपूर कोशिश होगी, क्योंकि कोल्हान झामुमो का परंपरागत गढ़ रहा है. 

वहीं, लोकसभा चुनाव में इस समीकरण पर काम हुआ तो झामुमो कोल्हान से बाहर हो जायेगा. ऐसे में झामुमो के लिए एक भी सीट नहीं बच रही है. उधर गोड्डा में कांग्रेस और झाविमो के बीच ही कांटा फंस रहा है. झाविमो ने इस सीट पर विधायक प्रदीप यादव के लिए दावेदारी पेश की है. झाविमो को कोडरमा और गोड्डा सीट चाहिए.

वहीं कांग्रेस के फुरकान अंसारी इस सीट को लेकर तनातनी के मूड में हैं. वह सीट नहीं छोडने के लिए दिल्ली की दौड लगा रहे है. झाविमो को गोड्डा सीट नहीं मिली, तो पलामू की ओर रुख करना पड सकता है. पलामू में राजद रास्ता रोकने के लिए तैयार है. राजद की ओर से पलामू-चतरा पर दावेदारी की जा रही है. 

उधर, गिरिडीह सीट पर भी कांग्रेस-झामुमो के कई नेता टकटकी लगाये है. गिरिडीह से झामुमो विधायक जगन्नाथ महतो पहले भी भाग्य आजमा चुके है. वहां राजेंद्र सिंह, तिलकधारी सिंह, डॉ सरफराज अहमद सहित कई नेताओं की दावेदारी है. ऐसे में यूपीए गठबंधन में सीट बंटवारे के लिए कांटा से ही कांटा निकालने जैसी मशक्कत करनी होगी.

टॅग्स :लोकसभा चुनावझारखंडमहागठबंधन
Open in App

संबंधित खबरें

भारतझारखंड में संभावित सियासी उलटफेर की खबरों पर कोई भी नेता खुलकर बोलने को नहीं है तैयार, सियासी गलियारे में अटकलों का बाजार है गरम

भारतबिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पार्टी के अंदर एक बार फिर शुरू हो गया है 'एकला चलो' की रणनीति पर गंभीर मंथन

भारतबिहार के बाद क्या झारखंड में भी बनेगी एनडीए सरकार, भाजपा-झामुमो के बीच खिचड़ी पकने की चर्चा से बढ़ा सियासी पारा

क्रिकेटटीम इंडिया से बाहर, 10 चौका, 8 छक्का, 50 गेंद और नाबाद 113 रन?, त्रिपुरा बॉलर पर टूटे इशान किशन

भारतकांग्रेस की बगैर सहमति के तेजस्वी यादव बन गए महागठबंधन विधायक दल के नेता, महागठबंधन के भविष्य को लेकर अटकलों की बाजार हुआ गरम

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत