Lockdown: 100 किलोमीटर पैदल चलने के बाद प्रवासी महिला ने दिया बच्ची को जन्म, नहीं बच सकी नवजात की जान
By भाषा | Published: May 24, 2020 12:40 AM2020-05-24T00:40:13+5:302020-05-24T00:40:13+5:30
जतिन राम और उसकी गर्भवती पत्नी बिंदिया हाल ही में लुधियाना से बिहार अपने गांव जाने के लिए पैदल ही निकले थे। जब ये दोनों अंबाला शहर पहुंचे तो बिंदिया को प्रसव पीड़ा होने पर पुलिस की सहायता से सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने एक बच्ची को जन्म दिया लेकिन वह जीवित नहीं बच सकी।
पंजाब के लुधियाना से पैदल चलकर करीब 100 किलोमीटर का सफर तय करके हरियाणा के अंबाला पहुंचे एक प्रवासी मजूदर की पत्नी ने बच्ची को जन्म दिया, लेकिन कुछ ही देर में नवजात की मौत हो गई।
जतिन राम और उसकी गर्भवती पत्नी बिंदिया हाल ही में लुधियाना से बिहार अपने गांव जाने के लिए पैदल ही निकले थे। जब ये दोनों अंबाला शहर पहुंचे तो बिंदिया को प्रसव पीड़ा होने पर पुलिस की सहायता से सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने एक बच्ची को जन्म दिया लेकिन वह जीवित नहीं बच सकी।
उन्होंने यहीं बच्ची का अंतिम संस्कार किया। राम ने बताया कि विशेष ट्रेन में टिकट नहीं मिलने पर वह पत्नी बिंदिया के साथ पैदल ही अंबाला के लिए निकल पड़ा। उन्होंने बताया कि बिंदिया काफी कमजोर थी क्योंकि गर्भवती रहने के दौरान उसे पर्याप्त पोषणयुक्त खुराक नहीं मिल सकी।
राम ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान नौकरी छूट जाने के कारण उसके पास पैसे की भी तंगी थी। अंबाला छावनी के एक गैर सरकारी संगठन ने उनके ठहरने और भोजन की व्यवस्था की। संगठन ने दंपति को श्रमिक विशेष ट्रेन के जरिए सुरक्षित बिहार भेजने का प्रबंध करने का भी आश्वासन दिया।