एलओसी पर गोलाबारी, भयानक सर्दी में सीमावासी परेशान, सीजफायर के बावजूद पाक बंदूकें और छोटे तोपखाने उगल रहे हैं आग

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: December 16, 2020 19:25 IST2020-12-16T19:20:38+5:302020-12-16T19:25:02+5:30

पाकिस्तान लगातार सीजफायर को तोड़ रहा है। एलओसी और जम्मू सीमा पर सीमावासियों की हालत खराब हो गई है। पाक की करतूत से परेशान हैं।

LOC ceasefire shelling border residents disturbed in terrible winter Pak guns and small artillery are firing fire | एलओसी पर गोलाबारी, भयानक सर्दी में सीमावासी परेशान, सीजफायर के बावजूद पाक बंदूकें और छोटे तोपखाने उगल रहे हैं आग

पाक गोलाबारी के साथ ही प्रकृति की भयानकता का सामना सीमावासियों को करना पड़ रहा है। (file photo)

Highlightsभारत और पाकिस्तान के बीच 2003 के संघर्षविराम पर समझौता हुआ था।पाकिस्तान ने 2020 में बिना किसी उकसावे के 3800 से ज्यादा बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया।अंतरराष्ट्रीय सीमा से हथियारों और मादक पदार्थ की तस्करी के भी प्रयास किए।

जम्मूः एक बार फिर गर्माई एलओसी तथा जम्मू सीमा पर सीमावासियों के लिए जीना मुहाल हो गया है। भयानक सर्दी के बीच उन्हें हर पल पलायन के लिए तैयार रहना पड़ रहा है क्योंकि पाक गोलों के रूप में मौत उनके सिरों पर मंडरा रही है।

जो पाक गोलाबारी से बचने की खातिर पलायन कर चुके हैं वे भयानक सर्दी से बचाव करने में नाकाम हो रहे हैं। पिछले कई दिनों से एलओसी के विभिन्न सेक्टरों में सीजफायर के बावजूद पाक बंदूकें और छोटे तोपखाने आग उगल रहे हैं। भारतीय पक्ष मुहंतोड़ जवाब दे रहा है पर पाक गोलाबारी के साथ ही प्रकृति की भयानकता का सामना सीमावासियों को करना पड़ रहा है।

सर्दियों के मौसम में अभी तक जम्मू सीमा पर शांति बनी हुई थी जिसे अब पाकिस्तान ने तोड़ दिया है। भयानकता का माहौल अब अन्य इलाकों में है। पाक सेना ने पुंछ सेक्टर में मोर्टार की बारिश की तो रात के अंधेरे में भयानक सर्दी के बीच दर्जनों परिवारों को जैसे थे, वैसे की ही हालत में घरों का त्याग कर देना पड़ा था।

पलायन करने वाले सिर्फ अपने आप को ही बचा पाए। अपने घरों और पालतू जानवरों को बचा पाने में नाकाम रहे। अब जब भारतीय जवानों ने पाक सेना की कई चौकिओं को ध्वस्त करने की कवायद को अंजाम दिया तो सीमावासियों को डर है कि पाक सेना बदले की कार्रवाई के तहत भारतीय सीमांत गांवों को भयानकता के साथ तोपों के गोलों से पाट सकते हैं।

ऐसे में सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने वालों को अपने पालतू जानवरों तथा घरों की चिंता सता रही है। चिंता कितनी है इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरला पोस्ट के इलाके का रहने वाले आजम खान की परेशानी यह है कि उसकी एक भैंस का शव बरामदे में पड़ा है और वह उसको पाक गोलाबारी के डर से दफना भी नहीं सकता।

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