प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार (25 नवंबर ) को रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 50 संस्करण को संबोधित कर रहे हैं.इसके लिए पीएम मोदी ने देशवासियों से सुझाव मांगे थे। ‘मन की बात’ को लोकप्रिय बनाने एवं लोगों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिये नरेन्द्र मोदी एप पर ‘मन की बात क्विज’ की भी पहल की गई है। पीएम मोदी ने अपनी 50वीं मन की बात की शुरूआत 3 अक्टूबर, 2014 के दिन शुरू हुई मन की बात की यात्रा का स्मरण करते हुए की।
पीएम मोदी के भाषण की प्रमुख बातें-
- उन्होंने कहा "उम्मीद के बजाय स्वीकार करना और खारिज करने की बजाय चर्चा करने से युवाओं और बड़ों के बीच संवाद प्रभावी बनेगा। अलग-अलग कार्यक्रमों या फिर सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं के साथ लगातार बातचीत करने का मेरा प्रयास रहता है।"
- पीएम मोदी ने 'मन की बात'कार्यक्रम में साथ देने वालों लोगों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि ऐसे लाखों लोग हैं जिनका नाम मैं आज तक ‘मन की बात’ में नहीं ले पाया, लेकिन वो बिना निराश हुए अपने पत्र, अपने कमेंट भेजते हैं-आपके विचार, आपकी भावनाएं मेरे जीवन में बहुत ही महत्व रखती हैं"। '‘मन की बात’ में उठाए गए कई विषयों को मीडिया ने अपना बना लिया है. स्वच्छता, हैशटैग ड्रग्स फ्री इंडिया और हैशटैग सेल्फी विथडॉटर जैसे कई विषय हैं जिन्हें मीडिया ने इनोवेट तरीके से एक अभियान का रूप देकर आगे बढ़ाने का काम किया है'।
- पीएम मोदी ने कहा "मुझे पूरा विश्वास है कि आप सभी की बातें पहले से कई गुना ज़्यादा मिलेंगी और ‘मन की बात’ को रोचक, प्रभावी और उपयोगी बनाएगी। और यह कोशिश भी की जाती है कि जो पत्र ‘मन की बात’ में शामिल नहीं हुए उन सुझावों पर सम्बंधित विभाग भी ध्यान दें।'
- उन्होंने कहा 'कब किसी की इतनी ताक़त होगी कि #selfiewithdaughter की मुहिम हरियाणा के एक छोटे से गाँव से शुरू होकर पूरे देश में ही नहीं, विदेशों में भी फैल जाए।समाज का हर वर्ग, सेलिब्रिटी सब जुड़कर साथ आएं और समाज में सोच-परिवर्तन की एक नयी भाषा में, जिसे आज की पीढ़ी समझती हो, ऐसी अलख जगा जाये'।
- पीएम मोदी ने आगे कहा 'कभी कोई देश के किसी कोने से पत्र लिखकर कहता है - हमें छोटे दुकानदारों, ऑटो चलाने वालों, सब्जी बेचने वालों से बहुत ज़्यादा मोल-भाव नहीं करना चाहिये। मैं पत्र पढ़कर ऐसा ही भाव किसी और पत्र में आये तो उसको साथ गूँथ लेता हूँ, और अपने अनुभव भी आपके साथ बाँट लेता हूँ"
-पीएम मोदी ने कहा 'हैशटैगपॉजिटिव इंडिया को लेकर व्यापक चर्चा हुई है।ये हमारे देशवासियों के मन में बसी पॉजिटिविटी की भावना की झलक है।लोगों ने शेयर किया है कि ‘मन की बात’ से स्वयंसेवी यानी स्वेच्छा से कुछ करने की भावना बढ़ी है।' उन्होंने आगे कहा "अधिकतर लोगों को लगता है कि ‘मन की बात’ का सबसे बड़ा योगदान ये है कि इसने समाज में पॉजिटिविटी की भावना बढ़ायी है। इसके माध्यम से बड़े पैमाने पर जन-आन्दोलनों को बढ़ावा मिला है।" रेडियो जन-जन से जुड़ा होता, उसकी बहुत बड़ी ताकत होती है'।
- पीएम मोदी ने कहा 'मई 2014 में जब मैंने एक ‘प्रधान-सेवक’ के रूप में कार्यभार संभाला तो मेरे मन में इच्छा थी कि देश की एकता, भव्य इतिहास, उसका शौर्य, भारत की विविधताएँ हमारे समाज के रग-रग में समायी हुई अच्छाइयाँ, पुरुषार्थ, जज़्बा, त्याग, तपस्या इन सारी बातों को,जन-जन तक पहुँचाना चाहिये।
नरेन्द्र मोदी ऐप पर कहा गया है कि ‘मन की बात’ के 50वें संस्करण के संबंध में प्रधानमंत्री आपसे सुझाव आमंत्रित करते हैं, ताकि इस कार्यक्रम में आपके अनोखे विचार शामिल किये जा सकें। इस महीने यह कार्यक्रम विशेष है क्योंकि ‘मन की बात’ के 50 एपिसोड पूरे हो रहे हैं। इसमें कहा गया है कि आप अपने उन पसंदीदा विषयों के बारे में अपने सुझाव तथा विचार भेज सकते हैं, जिन पर आप चाहते हैं कि प्रधानमंत्री बात करें।
इसमें कहा गया है कि आप अपने विचार इस खुले मंच पर साझा कर सकते हैं अथवा हमारा टॉल फ्री नंबर 1800-11-7800 डायल करके प्रधानमंत्री के लिए अपना सन्देश हिन्दी अथवा अंग्रेजी में रिकॉर्ड करा सकते हैं। आपके संदेशों में से कुछ संदेशों के चुनिंदा हिस्से को मन की बात में प्रसारित भी किया जा सकता है। इसके अलावा आप 1922 पर मिस्ड कॉल देकर और एसएमएस में दिए लिंक पर जाकर सीधे प्रधानमंत्री को भी अपने सुझाव एवं विचार भेज सकते हैं।