नयी दिल्ली, 24 सितंबर वाम दलों ने शुक्रवार को लोगों से अपील की कि वे केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा 27 सितंबर को आहूत भारत बंद का समर्थन करें।
किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहा एसकेएम 40 से अधिक कृषि संगठनों का प्रमुख संगठन है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) ने एक संयुक्त बयान में कहा कि कृषि कानूनों को निरस्त करने तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर किसानों का "ऐतिहासिक" संघर्ष 10वें महीने में पहुंच गया है। बयान में लोगों से किसानों के मुद्दों का समर्थन करने का आग्रह किया गया।
वाम दलों ने सरकार पर "हठ करने" का आरोप लगाया और कहा कि केंद्र संघर्षरत किसानों से बातचीत करने से इनकार कर रहा है। वाम दलों ने केंद्र सरकार के इस ‘हठ’ की निंदा करते हुए मांग की कि नए कृषि कानूनों को तुरंत निरस्त किया जाए, एमएसपी की गारंटी दी जाए, राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन को खत्म किया जाए तथा श्रम संहिताओं को रद्द किया जाए।
बयान में कहा गया है, "वामपंथी दल अपनी सभी इकाइयों से आह्वान करते हैं कि वे भारत बंद की सफलता के लिए सक्रिय रूप से काम करें। वाम दल लोगों से इस भारत बंद का समर्थन करने की अपील करते हैं।
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