सीखना सतत प्रक्रिया होनी चाहिए : राष्ट्रपति कोविंद
By भाषा | Updated: February 7, 2021 21:30 IST2021-02-07T21:30:50+5:302021-02-07T21:30:50+5:30

सीखना सतत प्रक्रिया होनी चाहिए : राष्ट्रपति कोविंद
मदनपल्ले (आंध्रप्रदेश), सात फरवरी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को कहा कि सीखना सतत प्रक्रिया होनी चाहिए और किसी को नहीं सोचना चाहिए कि उसे हर चीज में महारत हासिल हो गई है।
राष्ट्रपति ने आंध्रप्रदेश के चित्तूर मदनपल्ले में श्री एम. के सत्संग फाउंडेशन आश्रम में योग प्रशिक्षकों एवं शिक्षकों से संवाद कर रहे थे ।
उन्होंने कहा कि जीवन चुनौतियों से भरा हुआ है और उनसे उबरने में योग लाभदायक है।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘लेकिन मैं हर किसी को एक बात की सलाह देता हूं कि आप जीवन को स्कूल की तरह लें और पूरा जीवन सीखते रहने का प्रयास करें ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई कहता है कि उसे पूरा विश्वास है और कुछ नहीं सीखना बचा है तथा व्यक्ति व्यक्तित्व पूर्ण है तो यह गलत धारणा है।’’
राष्ट्रपति पूर्वाह्न 11 बजकर 55 मिनट पर हेलीकॉप्टर से मदनपल्ले पहुंचे जहां आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगनमोहन रेड्डी ने अपनी कैबिनेट के कुछ सहयोगियों के साथ उनका स्वागत किया।
राष्ट्रपति कोविंद, श्री एम. के सत्संग फाउंडेशन आश्रम में अपनी पहली यात्रा में करीब पांच घंटे रूके और इस दौरान उन्होंने योगशाला और भारत योग विद्या केंद्र का उद्घाटन किया । इसके अलावा उन्होंने एक रंगशाला खोले जाने की घोषणा की ।
राष्ट्रपति ने छात्रों, कर्मचारियों, परिवार के सदस्यों और पास के गांव के सुगाली आदिवासी समुदाय के लोगों की सुविधा के लिये 38 विस्तरों वाले स्वास्थ्य अस्पताल की आधारशिला रखी । उन्होंने एक पौधा भी लगाया ।
कोविंद ने कहा कि जीवन की व्यक्तिगत एवं पेशेवर चुनौतियों से पार पाने में योग मददगार है।उन्होंने प्रशिक्षुओं से बात की और योग कक्षाओं के उनके निजी अनुभवों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने सत्संग स्कूल के बच्चों से चर्चा की और उनकी मातृभाषा के बारे में जानकारी ली ।
उन्होंने आश्रम में भगवान शिव की पूजा अर्चना की।
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