दिल्ली विधानसभा से नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता निलंबित, सिरसा को मार्शलों के जरिए निकाला गया बाहर
By भाषा | Published: August 24, 2019 05:32 AM2019-08-24T05:32:08+5:302019-08-24T05:32:08+5:30
शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही भाजपा विधायकों ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के लिए देशवासियों का शुक्रिया करने के लिए एक प्रस्ताव पेश करने की मांग उठाई।
दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने अपने निर्देशों का “उल्लंघन” करने के लिए नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता को सदन के मौजूदा सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया। इसके अलावा अध्यक्ष ने भाजपा के अन्य विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा को भी मार्शलों के जरिए बाहर कर दिया जिसके बाद पार्टी के शेष विधायकों -ओ पी शर्मा और जगदीश प्रधान ने सदन से बहिर्गमन किया।
भाजपा विधायकों ने बाद में दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यालय के बाहर धरना दिया। शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही भाजपा विधायकों ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के लिए देशवासियों का शुक्रिया करने के लिए एक प्रस्ताव पेश करने की मांग उठाई।
अध्यक्ष ने कहा कि वह इसकी अनुमति नहीं दे सकते क्योंकि यह एक राष्ट्रीय मुद्दा है और सदन में “चर्चा का विषय नहीं है।” साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पहले ही इस कदम के लिए केंद्र को बधाई दे चुके हैं। हालांकि भाजपा विधायकों ने अपनी मांग उठाना जारी रखा और अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए और अध्यक्ष के साथ बहस करने लगे जिन्होंने मार्शलों को सिरसा को बाहर करने का निर्देश दिया।
उन्होंने गुप्ता को भी मार्शल बुलाकर बाहर करने का आदेश दिया और नेता प्रतिपक्ष के बहस जारी रखने के बाद गोयल ने उन्हें मौजूदा सत्र के शेष दिनों के लिए निलंबित कर दिया। यह सत्र 26 अगस्त को समाप्त होना है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि विधायकों ने लोक हित से जुड़े महत्त्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करने से सदन का ध्यान भंग करने की कोशिश की। सिसोदिया ने गुप्ता द्वारा इस्तेमाल की गई “भाषा” को लेकर भी अध्यक्ष से शिकायत की।