दिल्ली में लगातार कई दिनों से प्रदूषण के कारण काफी खराब स्थिति बनी हुई है। दिवाली के बाद गुरुवार (8 नवंबर) को दिल्ली की हवा की गुणवत्ता 'बेहद खराब' की श्रेणी की तरफ बढ़ गई। राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाके में लोगों ने रात आठ से दस बजे के बीच पटाखा फोड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई समय-सीमा का उल्लंघन किया।
दिल्ली में बुधवार रात दस बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 296 दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक शाम सात बजे एक्यूआई 281 था। रात आठ बजे यह बढ़कर 291 और रात नौ बजे यह 294 हो गया। हालांकि, केंद्र द्वारा संचालित सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) ने समग्र एक्यूआई 319 दर्ज किया जो ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में आता है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया उल्लंघन
सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली और अन्य त्योहारों के मौके पर रात आठ से 10 बजे के बीच ही फटाखे फोड़ने की अनुमति दी थी। न्यायालय ने सिर्फ ‘ग्रीन पटाखों’ के निर्माण और बिक्री की अनुमति दी थी। हरित पटाखों से कम प्रकाश और ध्वनि निकलती है और इसमें कम हानिकारक केमिकल होते हैं।
न्यायालय ने पुलिस से इस बात को सुनिश्चित करने को कहा था कि प्रतिबंधित पटाखों की बिक्री नहीं हो और किसी भी उल्लंघन की स्थिति में संबंधित थाना के एसएचओ को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा और यह अदालत की अवमानना होगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों से उल्लंघन किए जाने की खबरें मिली हैं। इसके अलावा मयूर विहार एक्सटेंशन, लाजपत नगर, लुटियंस दिल्ली, आईपी एक्सटेंशन, द्वारका, नोएडा सेक्टर 78 समेत अन्य स्थानों से न्यायालय के आदेश का उल्लंघन किये जाने की खबर मिली है।
कई इलाकों में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंचा
आनंद विहार, आईटीओ और जहांगीरपुरी समेत कई इलाकों में प्रदूषण का बेहद उच्च स्तर दर्ज किया गया। एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (एक्यूआई) की मानें तो आनंद विहार में प्रदूषण का स्तर 999, अमेरिकी राजदूतावास, चाणक्यपुरी में 459 और मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में एक्यूआर 999 रहा। गौरतलब है कि यह प्रदूषण का स्तर 'खतरनाक' श्रेणी में आता है।
सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार पीएम 2.5 और पीएम 10 का 24 घंटे का औसत 164 और 294 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा।हालांकि, इस साल 2017 के मुकाबले कम हानिकारक पटाखे छोड़े गए।