कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "जिस देश में महिलाएं, बच्चे असुरक्षित हों, वो उपलब्धियों का जश्न नहीं मना सकता"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 2, 2023 03:28 PM2023-03-02T15:28:08+5:302023-03-02T15:37:25+5:30
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने एनएचआरसी के एक सम्मेलन में बाल यौन शोषण को गंभीर अपराध बताते हुए कहा कि मौजूदा वक्त में यह विषय सरकार के समक्ष सबसे गंभीर चुनौतियों में से एक है।
दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को बाल यौन शोषण को गंभीर अपराध बताते हुए कहा कि मौजूदा वक्त में यह सरकार के सामने सबसे गंभीर चुनौतियों में से एक है। उन्होंने कहा कि कोई समाज या देश अपनी उपलब्धियों का जश्न नहीं मना सकता जब तक वहां महिलाएं और बच्चे सुरक्षित महसूस न करते हों।
दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की ओर से आयोजित 'बाल यौन शोषण' विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कानून मंत्री रिजिजू ने कहा, "ऐसे जघन्य अपराध को रोकने के लिए हमें कानूनी प्रावधानों से परे जाना होगा। हमें बच्चों के साथ-साथ महिलाओं की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करना है और इसके लिए समाज को एक साथ लाना होगा।"
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने सम्मेलन में आगे कहा, "यह समय इस तरह के अपराध को सख्ती से रोकने के लिए बहुत प्रासंगिक है और सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही इसके सार्थक परिणाम भी सामने आएंगे।"
अपने संबोधन में रिजिजू ने कहा, "देश में बच्चों के खिलाफ हिंसा और उसमें भी बाल यौन शोषण अपराध जैसे मुद्दे पर मुझे लगता है कि यह न केवल सरकार बल्कि आम जनमानस के लिए बेहद गंभीर चुनौती पेश करने वाला विषय है।"
उन्होंने कहा, "अपराध सभी तरह के बुरे होते हैं, लेकिन बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन अपराध को पचा पाना हमारे समाज के लिए बेहद तकलीफदेह और मुश्किल है। आखिर कोई भी बच्चों के खिलाफ कैसे अपराध कर सकता है? हमें स्वयं के दृष्टिकोण में इस मामले में बेहद गंभीर होना होगा। यदि आप इसे सिर्फ एक अपराध के रूप में देखते हैं तो आप इस बात को जान लें कि इसे सिर्फ एक अपराध के रूप में नहीं माना जा सकता है।
केंद्रीय कानून मंत्री द्वारा 'बाल यौन शोषण' विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन के शुभारंभ में एनएचआरसी के अध्यक्ष जस्टिस (रिटायर्ड) अरुण कुमार मिश्रा के अलावा एनएचआरसी के सदस्य, कानून मंत्रालय सहित अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी, कानूनी विशेषज्ञ और शिक्षाविद मौजूद थे।