'एक राष्ट्र, एक चुनाव' प्रस्ताव पर विधि आयोग ने नए सिरे से मांगी राय, AAP ने कहा- यह भाजपा की चाल है इससे...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 24, 2023 07:21 AM2023-01-24T07:21:04+5:302023-01-24T07:27:06+5:30

आप प्रवक्ता आतिशी ने संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि धन और बाहुबल के दम पर ये पार्टियां राज्यों के मुद्दों को दबा देंगी और साथ ही लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होने से मतदाताओं के फैसले पर भी असर पड़ेगा।

law commission asked for a fresh view on holding simultaneous elections | 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' प्रस्ताव पर विधि आयोग ने नए सिरे से मांगी राय, AAP ने कहा- यह भाजपा की चाल है इससे...

'एक राष्ट्र, एक चुनाव' प्रस्ताव पर विधि आयोग ने नए सिरे से मांगी राय, AAP ने कहा- यह भाजपा की चाल है इससे...

Highlights22वें विधि आयोग ने पिछले महीने एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर हितधारकों की राय मांगी थी।‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव का आम आदमी पार्टी ने विरोध किया है।

नयी दिल्लीः विधि आयोग ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील विषय पर अपनी मसौदा रिपोर्ट में पिछली समिति द्वारा एक साथ चुनाव कराने के संबंध में उठाए गए छह सवालों को लेकर राजनीतिक दलों और निर्वाचन आयोग सहित विभिन्न हितधारकों से नए विचार मांगे हैं। 22वें विधि आयोग ने पिछले महीने एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर हितधारकों की राय मांगी थी।

21वें विधि आयोग की एक साथ चुनाव कराने वाले मसौदा रिपोर्ट पर 22वें आयोग ने राय मांगी है

21वें विधि आयोग की एक साथ चुनाव कराने पर मसौदा रिपोर्ट का जिक्र करते हुए 22वें आयोग ने कहा कि उसने 21वें विधि आयोग द्वारा अपनी मसौदा रिपोर्ट में रखे गए छह सवालों पर हितधारकों की ‘‘फिर से राय लेने’’ का फैसला किया है।

विधि आयोग ने पूछा, ‘‘क्या एक साथ चुनाव कराना किसी भी तरह से लोकतंत्र, संविधान के मूल ढांचे या देश की संघीय राजनीति के साथ खिलवाड़ है?’’ इसने यह भी जानना चाहा कि क्या राजनीतिक दलों या उनके निर्वाचित सदस्यों के बीच आम सहमति से प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री की ऐसी नियुक्ति या चयन के लिए संविधान की दसवीं अनुसूची में संशोधन की आवश्यकता होगी और यदि हां, तो किस हद तक।

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव का आम आदमी पार्टी ने किया विरोध

आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को केंद्र के ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि यह निर्वाचित प्रतिनिधियों की खरीद-बिक्री को वैध बनाने की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ‘‘ऑपरेशन लोटस’’ के तहत एक चाल है। पार्टी ने यह भी दावा किया कि चुनाव की इस प्रणाली को नरेंद्र मोदी खेमे द्वारा सरकार के संसदीय स्वरूप को राष्ट्रपति प्रणाली से बदलने के लिए प्रस्तावित किया जा रहा है।

आप प्रवक्ता आतिशी ने संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि धन और बाहुबल के दम पर ये पार्टियां राज्यों के मुद्दों को दबा देंगी और साथ ही लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होने से मतदाताओं के फैसले पर भी असर पड़ेगा। देश में एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव पर विधि आयोग द्वारा राजनीतिक दलों और निर्वाचन आयोग सहित हितधारकों की टिप्पणियों के लिए एक सार्वजनिक नोटिस जारी करने के एक महीने बाद अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी की प्रतिक्रिया आई है। 

Web Title: law commission asked for a fresh view on holding simultaneous elections

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