आतंकवादियों के लिए कहां से आता है धन? इस पर 100 से ज्यादा देशों का मंथन, भारत ने कही ये बात

By भाषा | Published: November 8, 2019 03:52 PM2019-11-08T15:52:31+5:302019-11-08T15:52:31+5:30

फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन का संस्थापक हाफिज सईद लश्कर-ए-तैयबा का भी प्रमुख है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने मेलबर्न में एक कार्यक्रम में आतंकवाद के वित्तपोषण में क्रिप्टो करेंसी के इस्तेमाल का भी उल्लेख किया।

Lashkar-e-taiba partner organization Falah-e-Insaniyat still active in cyber world G Kishan Reddy | आतंकवादियों के लिए कहां से आता है धन? इस पर 100 से ज्यादा देशों का मंथन, भारत ने कही ये बात

लश्कर का सहयोगी संगठन फलाह-ए-इंसानियत साइबर जगत में अब भी सक्रिय :रेड्डी (फाइल फोटो)

Highlightsमेलबर्न में ‘आतंकवाद के लिए धन नहीं’ सम्मेलन में जी किशन रेड्डी ने लिया हिस्साफलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन का संस्थापक हाफिज सईद हैआतंकवाद के लिए क्रिप्टो करेंसी के हो रहे इस्तेमाल पर भी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने रखी अपनी बात

पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को संयुक्त राष्ट्र आतंकी घोषित कर चुका है, उसके बावजूद यह साइबर क्षेत्र में सक्रिय बना हुआ है। यह बात केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने शुक्रवार को कही। उन्होंने कहा कि भारत की तफ्तीश में पता चला है कि पश्चिम एशिया का आतंकी समूह आईएसआईएस इनक्रिप्टिड (कूट या कोड वाले) प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करता है।

रेड्डी मेलबर्न में ‘आतंकवाद के लिए धन नहीं’ सम्मेलन के दूसरे दिन संबोधित कर रहे थे। ‘उभरती प्रौद्योगिकी और आतंकवाद वित्तपोषण के जोखिम’ विषय पर गोलमेज चर्चा में मंत्री ने फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन की साइबर गतिविधियों का जिक्र किया और कहा कि आतंकी घोषित किये जाने के बावजूद यह संगठन साइबर जगत में सक्रिय है।

फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन का संस्थापक हाफिज सईद लश्कर-ए-तैयबा का भी प्रमुख है। रेड्डी ने आतंकवाद के वित्तपोषण में क्रिप्टो करेंसी के इस्तेमाल का भी उल्लेख किया।

इस मुद्दे पर भारत का रुख पेश करते हुए मंत्री ने प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि भारत सरकार वित्तीय कार्य बल के मानकों को लागू करने तथा प्रभावी धनशोधन रोधी एवं आतंक वित्तपोषण रोधी व्यवस्था स्थापित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है ताकि आतंकवाद को आर्थिक मदद देने वाले ढांचों को तबाह किया जा सके।

मंत्री पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं जिसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी के महानिदेशक वाई सी मोदी भी शामिल हैं। ‘आतंकवाद के लिये धन नहीं’ सम्मेलन का आयोजन 100 से ज्यादा देशों की वित्तीय खुफिया इकाइयों (एफआईयू) द्वारा आयोजित किया जाता है। इसे सामूहिक रूप से एग्मॉन्ट समूह भी कहते हैं।

Web Title: Lashkar-e-taiba partner organization Falah-e-Insaniyat still active in cyber world G Kishan Reddy

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