Land For Job Case: ईडी ने राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव सहित अन्य के खिलाफ दायर की चार्जशीट

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 9, 2024 12:53 PM2024-01-09T12:53:36+5:302024-01-09T12:56:03+5:30

ईडी ने नौकरी के बदले जमीन के कथित घोटाले में हुई मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्जशीट दायर की। ईडी के आरोप पत्र में कुल 4751 पन्नों में अपराध का सारा ब्योरा है।

Land For Job Case: ED files charge sheet against Rabri Devi, Misa Bharti, Hema Yadav and others | Land For Job Case: ईडी ने राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव सहित अन्य के खिलाफ दायर की चार्जशीट

फाइल फोटो

Highlightsईडी ने नौकरी के बदले जमीन के कथित घोटाले में मंगलवार को चार्जशीट दायर कीईडी की ओर से दायर की गई 4751 पन्नों की चार्जशीट में अपराध का सारा ब्योरा है ईडी ने राबड़ी देवी, उनकी दो बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के साथ अन्य को आरोपी बनाया है

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नौकरी के बदले जमीन के कथित घोटाले में मंगलवार को चार्जशीट दायर की। ईडी की ओर से दायर की गई 4751 पन्नों की चार्जशीट में अपराध का सारा ब्योरा है।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार ईडी ने बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी, उनकी दो बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के साथ हृदयानंद चौधरी और अमित कात्याल को आरोपी बनाया है। जांच एजेंसी ने दो फर्मों, एबी एक्सपोर्ट और एके इंफोसिस्टम्स पर भी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया है।

बताया जा रहा है कि स्पेशल सीबीआई न्यायाधीश विशाल गोगने ने ईडी को आदेश दिया है कि वो आज ही आरोप पत्र और सभी दस्तावेजों की ई-प्रति कोर्ट में दाखिल करे।

सीबीआई कोर्ट ने मामले में 16 जनवरी 2024 को सुनावई के लिए सूचीबद्ध किया है। ईडी के विशेष लोक अभियोजक मनीष जैन और अधिवक्ता इशान बैसला ने अदालत को बताया कि पूर्व रेल मंत्री लालू यादव के परिवार के सदस्य इस अपराध से हुई आय के लाभार्थी हैं।

इस पूरे प्रकरण में जांच एजेंसी ने अमित कात्याल को गिरफ्तार किया है और सीबीआई द्वारा उनकी फर्म पर भी आरोप पत्र दायर किया गया था। कत्याल लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं। वहीं अन्य आरोपियों को बिना गिरफ्तारी के ही नाम शामिल किया है।

सीबीआई द्वारा एके इंफोसिस्टम्स के प्रमोटर कारोबारी अमित कात्याल की गिरफ्तारी के बाद 23 नवंबर 2023 को राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। उन्हें कथित तौर पर नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों के साथ लेनदेन में शामिल होने के आरोपी अमित कात्याल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया था।

इससे पहले कात्याल के वकीलों ने कहा था कि मूल एफआईआर 18 मई 2022 को सीबीआई द्वारा दर्ज की गई थी और लेनदेन की अवधि 2004-09 है। इसे लेकर ईडी ने 16 अगस्त 22 को ईसीआईआर दर्ज कराई थी। कात्याल के वकील ने दलील दी कि सीबीआई ने जांच पूरी कर ली है और कत्याल को गवाह के रूप में पेश किया गया है। इस कारण से उनकी गिरफ्तारी अवैध है और धारा 19 के विपरीत है।

वहीं अगर ईडी की बात करें तो उसके अनुसार मार्च महीने में मिली खुफिया जानकारी के आधार पर रेलवे लैंड फॉर जॉब घोटाले में दिल्ली-एनसीआर, पटना, मुंबई और रांची के 24 विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की गई थी। जिसके परिणामस्वरूप बेहिसाब नकदी की बरामदगी हुई। छापेमारी में 1 करोड़ रुपये, 1900 अमेरिकी डॉलर सहित विदेशी मुद्रा, 540 ग्राम सोने की बुलियन और 1.5 किलोग्राम से अधिक सोने के आभूषण जिनकी कीमत लगभग 1.25 करोड़ रुपये है। उसके साथ कई आपत्तिजनक दस्तावेज, बिक्री विलेख भी बरामद हुआ है।

जांच में यह बात सामने आयी है कि लालू यादव के परिवार के सदस्यों और बेनामीदारों के नाम विशाल भूमि बैंक और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पाये गये हैं। ईडी ने कहा कि तलाशी के परिणामस्वरूप अबी तक मामले में 600 करोड़ रुपये की अपराध आय का पता चला है, जो 350 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति और विभिन्न बेनामीदारों के माध्यम से 250 करोड़ रुपये के लेनदेन के रूप में है।

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