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चारा घोटाला में अब तक क्या-क्या हुआ

By ऐश्वर्य अवस्थी | Updated: December 23, 2017 16:02 IST

950 करोड़ रुपए के चारा घोटाले से जुड़े इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद याद, पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा समेत 22 अन्य लोग आरोपी थे।

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बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाले पर आज स्पेशल सीबीआई कोर्ट अपना फैसला सुना दिया है। 950 करोड़ रुपए के चारा घोटाले से जुड़े इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद याद, पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा समेत 22 अन्य लोग आरोपी थे।

37.07 करोड़ रुपये अवैध ढंग से निकासी करने के चारा घोटाले के एक अन्य मामले में इन सभी को सजा हो चुकी है। रांची की केन्द्रीय जांच ब्यूरो की शिवपाल सिंह की विशेष अदालत ने आज फैसला सुना दिया है।। जाने अब तक इस केस ने क्या-क्या मोड़ लिए।

चारा घोटाले की टाइमलाइन

-साल 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की फर्जीवाड़ा करके अवैध ढंग से पशु चारे के नाम पर निकासी के इस मामले में कुल 38 लोग आरोपी थे।

-बिहार पुलिस ने 1994 में राज्य के गुमला, रांची, पटना, डोरंडा और लोहरदगा जैसे कई कोषागारों से फर्जी बिलों के जरिए करोड़ों रुपए की कथित अवैध निकासी के मामले दर्ज किए।

- 27 अक्तूबर, 1997 को इन सभी के खिलाफ खिलाफ सीबीआई ने मुकदमा संख्या आरसी/64 ए/1996 दर्ज किया था।

-1997 में रातों-रात सरकारी कोषागार और पशुपालन विभाग के कई सौ कर्मचारी गिरफ्तार कर लिए गए, कई ठेकेदारों और सप्लायरों को हिरासत में लिया गया और राज्य भर में दर्जन भर आपराधिक मुकदमे दर्ज किए गए।

-इस मुकदमे में लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश शर्मा एवं ध्रुव भगत, आर के राणा, तीन आईएएस अधिकारी फूलचंद सिंह, बेक जूलियस एवं महेश प्रसाद, कोषागार के अधिकारी एस के भट्टाचार्य, पशु चिकित्सक डा. केके प्रसाद और बाकी अन्य चारा आपूर्तिकर्ता आरोपी थे।

-सभी 38 आरोपियों में से जहां 11 की मौत हो चुकी है, वहीं तीन सीबीआई के गवाह बन गये जबकि दो ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया था। जिसके बाद उन्हें 2006-7 में ही सजा सुना दी गयी थी, इस प्रकार इस मामले में अदालत कुल 22 आरोपियों के खिलाफ ही अपना फैसला सुनायेगी।

-1998 में पहले आरोपी उमाशंकर प्रसार की मौत हुई

-नवंबर 2014 में झारखंड हाइकोर्ट ने लालू प्रसाद को राहत देते हुए कहा था कि एक मामले में दोषी ठहराए गए एक व्यक्ति के खिलाफ इन्ही धाराओं के तहत मिलते-जुलते अन्य मुकदमों में सुनवाई नहीं हो सकती।

-23 जून 1997 के बाद उनको गिरफ्तार किया गया। 35 दिन न्यायिक हिरासत में रहने के बाद लालू यादव 12 दिसंबर 1997 को रिहा हुए। 

-मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ की अपील को मंजूर करने के साथ लालू प्रसाद के खिलाफ चारा घोटाले से संबंधित अलग-अलग मामलों में मुकदमा चलाने का आदेश दिया था,  सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए कहा था कि प्रत्येक अपराध के लिए पृथक सुनवाई होनी चाहिए

-इस पूरे मामले के 54 केसों में से 47 केसों में फैसला सुनाया जा चुका है। पूरे चारा कांड में 1404 लोगों को अब तक दोषी ठहराया जा चुका है जिसमें पशु विभाग के अधिकारी, वरिष्ठ अधिकारी, आपूर्तिकर्ता और कई नेता शामिल हैं।

- चारा घोटाले से जुड़े अलग-अलग मामलों में लालू यादव और जगन्नाथ मिश्रा से साल 2000 में पुलिस ने कई बार पूछताछ की। साल 2007 में 58 पूर्व अधिकारियों और सप्लायरों को दोषी ठहराया गया और 5-6 साल की सजा सुनाई गई। मामला हाथ में लेने के 16 साल बाद एक मार्च 2012 को सीबीआई ने पटना कोर्ट में लालू यादव, जगन्नाथ मिश्रा सहित 32 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।

-आज कोर्ट में लालू यादव समेत 17 दोषी करार दिए गए हैं। इस मामले में 7 आरोपियों को बरी भी कर दिया है।

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