पटना: बिहार में महागठबंधन के साथ सियासी पारी खेल रही जनता दल यूनाइटेड भाजपा से अलग होने के बाद लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी की ओर से पीएम मोदी की हमले की अगुवाई जदयू प्रमुख ललन सिंह कर रहे हैं।
ललन सिंह ने बीते 1 नवंबर को भी ट्विटर पर गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे को लेकर पीएम मोदी द्वारा बंगाल सरकार पर साल 2016 में किये गये "एक्ट ऑफ़ गॉड या फिर एक्ट ऑफ़ फ्रॉड" वाले जुबानी हमले की याद दिलाते हुए उन्हें घेरा था।
वहीं अब ताजा हमले में ललन सिंह ने पीएम मोदी से साल 2014 में बेरोजगार युवाओं को हर साल 2 करोड़ नौकरी देने के बारे में सवाल खड़ा किया है। ललन सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल से प्रधानमंत्री के पुराने वीडियो को शेयर करते हुए कहा, "आदरणीय प्रधानमंत्री जी, 2014 में अपने किए गए वादे को याद करने की कृपा करें। हर साल 2 करोड़ युवाओं को रोज़गार देने के अपने विचार से देश को अवगत कराएं। वो वादा था या जुमला?"
ललन सिंह प्रधानमंत्री मोदी का जो वीडियो शेयर किया है, वो साल 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार का है। जिसमें गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि देश के नौजवान रोजगार के लिये लालायित हैं। दिल्ली की सरकार रोजगार देने में विफल रही है। उन्होंने वादा किया था, चुनाव मैनिफेस्टो निकाल दीजिए। उन्होंने कहा था कि दिल्ली में हमारी सरकार बनेगी तो हम एक करोड़ नौजवानों को रोजगार देंगे। मैं हिंदुस्तान में जाकर हर कोने में पूछता हूं कोई नौजवान है, मुझे बताए कि दिल्ली की सरकार ने रोजगार दिया है। हिंदुस्तान में कोई नौजवान नहीं मिल रहा, जो कहता हो कि दिल्ली की सरकार ने उन्हें रोजगार दिया है। क्या ये झूठे वादे करने वालों पर भरोसा कर सकते हैं। उनकी झूठी बातों पर भरोसा कर सकते हैं।
मालूम हो कि इससे पहले भी बीते 15 अक्टूबर को ललन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला करते हुए बेहद विवादित टिप्पणी की थी और कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहरूपिया हैं। जैसे बहरूपिया दिनभर में 12 रूप दिखाता है, ठीक वैसे ही मोदी भी करते हैं। लेकिन अब इनका चेहरा बेनकाब हो गया है। वे देशभर घूम-घूमकर खुद को पिछड़ा बताते हैं, जबकि हकीकत यह है कि वो पिछड़ा हैं ही नहीं।
इसके साथ ही ललन सिंह पीएम मोदी द्वारा खुद को चायवाला कहे पर भी तंज किया गया। ललन सिंह ने पीएम मोदी खुद को चायवाला कहते हैं, लेकिन सच्चाई कुछ और है और सच यह है कि उन्होंने कहीं पर भी चाय नहीं बेची है, वो इसका ढोंग रचते हैं। दरअसल मोदी जी चुनाव जीतने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। उन्हें तो जनता को अपने आठ साल के कामों का हिसाब देना चाहिए लेकिन वो ऐसा नहीं करते दिनरात राजनीति करने में लगे रहते हैं।