पटना: जनता दल यूनाइटेड के प्रमुख राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) ने बेरोजगारी के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सरकार को घेरते हुए रोजगार नीति के प्रति केंद्र की कार्यशैली पर कड़ा प्रहार किया है।
सेना की तीनों इकाइयों के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा लागू की गई नई भर्ती योजना 'अग्निपथ' पर सवाल खड़ा करते हुए ललन सिंह ने नरेंद्र मोदी सरकार से पूछा है कि आखिर इस योजना के लागू होने से पहले जिन युवाओं का चयन सेना की सेवा के लिए किया गया था, उन्हें सरकार कब नियुक्ति पत्र जारी करेगी।
ट्विटर पर खासे सक्रिय रहने वाले ललन सिंह ने ट्वीट करते हुए केंद्र सरकार से सवाल किया और कहा, "माननीय प्रधानमंत्री जी, अग्निवीर योजना से पूर्व सेना, नौसेना और वायुसेना में लाखों युवाओं की भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी, वे लोग सिर्फ़ जॉईनिंग लेटर के इंतजार में थे। आखिर उन लाखों "होनहार फिर भी बेरोजगार" युवाओं को नियुक्ति पत्र कब मिलेगा?"
सेना भर्ती पर सवाल उठाने से पहले जदयू प्रमुख ललन सिंह ने नरेंद्र मोदी के साल 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बनने से पहले जनता से किये उस वादे का जिक्र करते हुए ट्वीट किया था, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 2014 के आम चुनावों की जनसभा में युवाओं को हर साल 2 करोड़ नौकरी देने की बात कही गई थी। ललन सिंह ने ट्वीट में पीएम मोदी के उस वादे पर भारी तंज कसते हुए कहा, "माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, 2014 में प्रतिवर्ष 2 करोड़ नौकरी का वादा और अब 8 वर्ष बाद 16 करोड़ के बदले सिर्फ़ 75 हज़ार नियुक्ति की बात.....! आपके वादों का क्या? आखिर देश के युवाओं को जुमलेबाजी की घुट्टी कब तक पिलाते रहेंगे आप?"
जदयू और भाजपा के बीच बिहार में संबंध विच्छेद होने के बाद से ही दोनों दल एक-दूसरे की नीतियों और कार्यशैली को लेकर बेहद आक्रमक तरीके से हमलावर हैं। जदयू की ओर से कहना है कि केंद्र नीत भाजपा की सरकार नीतीश कुमार को बिहार की सत्ता से बेदखल करने का सपना देख रही थी और इसके लिए वो व्यापक रणनीति पर काम कर रही थी।
वहीं भाजपा का कहना है कि जदयू ने बिहार में भाजपा के साथ धोखा किया है और नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री पद की महत्वाकांक्षा में बिहार की जनता से मिले जनादेश का अपमान करते हुए जदयू-भाजपा गठबंधन को तोड़ा है।
भाजपा का आरोप है कि राजद, कांग्रेस और हम जैसी दलों के साथ मिलकर नीतीश कुमार आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ साजिश कर रहे हैं। बीते दिनों बिहार के सीमांचल का दौर करते हुए अमित शाह ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार सत्ता के लालच में राजद और कांग्रेस की गोद में जा बैठे हैं।
भाजपा के आरोपों पर पलटवार करते हुए जदयू का कहना है कि आरसीपी सिंह के जरिये भाजपा जदयू को तोड़ने का प्रयास कर रही थी लेकिन नीतीश कुमार समय पर चेत गये और भाजपा के मंसूबे को नाकामयाब कर दिया।