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लखीमपुर खीरी हिंसा: राजनीतिक दलों, छात्र संगठनों के सदस्यों ने दिल्ली में किया प्रदर्शन

By भाषा | Updated: October 5, 2021 00:27 IST

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नयी दिल्ली, चार अक्टूबर विभिन्न राजनीतिक दलों और छात्र संगठनों के सदस्यों ने लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के खिलाफ अपना रोष व्यक्त करने के लिए सोमवार को यहां भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय के पास और उत्तर प्रदेश भवन के बाहर प्रदर्शन किया। लखीमपुर खीरी में एक दिन पहले हुई हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी।

पुलिस ने कहा कि उप्र भवन के बाहर 25 महिलाओं सहित 95 लोगों को हिरासत में लिया गया।

केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल शुरू हुए किसानों के विरोध प्रदर्शन के बाद से रविवार को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।

मृतकों में चार किसान शामिल थे, जिन्हें भाजपा के उन कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर वाहनों से कुचल दिया जो उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के स्वागत के लिए इलाके में आयोजित एक कार्यक्रम में जा रहे थे।

पुलिस ने किसानों की मौत को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा समेत कई अन्य के खिलाफ हत्या का मामला भी दर्ज किया है। हालांकि, मंत्री ने इन आरोपों से इनकार किया है कि उनका बेटा उन कारों में एक में सवार था।

दिल्ली कांग्रेस और भारतीय युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी वाद्रा को नजरबंद किये जाने के खिलाफ भी प्रदर्शन किया।

पार्टी ने दावा किया कि लखीमपुर पहुंचने की कोशिश करने वाली प्रियंका गांधी को हिरासत में लिया गया।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार के नेतृत्व में दिल्ली कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने यहां डीडीयू मार्ग स्थित भाजपा मुख्यालय के पास धरना दिया। भारतीय युवा कांग्रेस (आईवाईसी) के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी सहित इसके कार्यकर्ताओं ने यहां उत्तर प्रदेश भवन के बाहर प्रदर्शन किया।

भाजपा मुख्यालय के पास प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा, ‘‘लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या लोकतंत्र की हत्या है और कांग्रेस न्याय मांगने वाले किसानों की लड़ाई को दबाने नहीं देगी।’’ उन्होंने कहा कि दिल्ली कांग्रेस लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों को न्याय दिलाने के लिए भाजपा जिला कार्यालयों पर प्रदर्शन करेगी।

आईवाईसी ने कैंडल मार्च भी निकाला और लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि दी। आईवाईसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्रीनिवास बीवी ने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना "बहुत भयावह" है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार लोकतंत्र पर हमला कर रही है और अधिकारों का दमन कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों पर भाजपा के अत्याचार को कोई कभी नहीं भूल सकता। उन्होंने कहा, ‘‘'किसानों के हत्यारों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।’’

कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई ने भी इस घटना में जान गंवाने वाले किसानों के लिए न्याय की मांग करते हुए कैंडल मार्च निकाला।

छात्र संगठन ने एक बयान में कहा, ‘‘इस कैंडल मार्च के जरिए हम केंद्र सरकार से किसानों पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं।’’

छात्र संगठन ने कहा, ‘‘केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को भी तुरंत पद से हटाया जाना चाहिए और उनके बेटे को जल्द से जल्द जेल भेजा जाना चाहिए और किसानों की सभी मांगों को तुरंत स्वीकार की जानी चाहिए।’’

वाम दल से संबद्ध आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने केंद्रीय मंत्री के बेटे की तत्काल गिरफ्तारी और किसानों पर हमलों को रोकने की मांग को लेकर दिल्ली में उत्तर प्रदेश भवन के बाहर प्रदर्शन का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, ‘‘जैसे ही प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए, दिल्ली पुलिस ने हिंसक रूप से सभी पर कार्रवाई की, कई घायल हो गए और उप्र भवन के बाहर मौजूद लोगों को हिरासत में ले लिया गया। आइसा दिल्ली प्रदेश सचिव नेहा सहित कुछ कार्यकर्ताओं ने मालचा मार्केट से उप्र भवन की ओर मार्च किया, उन्हें भी हिरासत में ले लिया गया। हम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तत्काल इस्तीफे की मांग करते हैं।’’

प्रदर्शनकारियों को शाम चार बजे मंदिर मार्ग थाने से रिहा कर दिया गया।

विरोध को देखते हुए उप्र भवन के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

प्रियंका गांधी की नजरबंदी पर नाराजगी जताते हुए श्रीनिवास ने कहा, ‘‘मोदी सरकार में संवेदना व्यक्त करना भी अपराध बन गया है।’’ उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी अब पूरी उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए ‘‘सबसे बड़ा लक्ष्य’’ हैं। उन्होंने दावा किया कि उन्हें बिना किसी वारंट के गिरफ्तार किया गया।’’

आईवाईसी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी राहुल राव ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान कई युवा कांग्रेस सदस्यों को हिरासत में लिया गया।

विरोध प्रदर्शन में महिला कांग्रेस की अध्यक्ष एन डिसूजा, आईवाईसी महासचिव भैया पवार और कई अन्य नेता शामिल हुए।

पुलिस के मुताबिक, दोपहर 12 बजे से अपराह्न 2 बजे के बीच आठ संगठनों और राजनीतिक दलों के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश भवन के पास विरोध प्रदर्शन किया।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘क्षेत्र में धारा 144 और डीडीएमए दिशानिर्देशों के बारे में बार-बार चेतावनी देने के बाद भी, जब प्रदर्शनकारी वहां से नहीं हटे, तो उन्हें हिरासत में लिया गया और मंदिर मार्ग पुलिस थाने ले जाया गया।’’

उन्होंने कहा कि कुल 70 पुरुषों और 25 महिलाओं को हिरासत में लिया गया, जिनमें 27 भारतीय युवा कांग्रेस से, 15 एसएफआई से और 11 आइसा से थे। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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