लाइव न्यूज़ :

लखीमपुर खीरी हिंसा: 8 लोगों की मौत, सुप्रीम कोर्ट ने कहा-जब इस तरह की घटनाएं होती हैं तो कोई भी उनकी जिम्मेदारी नहीं लेता...

By भाषा | Updated: October 4, 2021 19:40 IST

Lakhimpur Kheri Violence: अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ से कहा कि तीन नए कृषि कानूनों की वैधता को अदालत में चुनौती दी जा चुकी है ऐसी स्थिति में इस तरह के प्रदर्शनों पर रोक लगनी चाहिए।

Open in App
ठळक मुद्देकल लखीमपुर खीरी में दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी है।घटना में आठ लोगों की जान चली गई।हिंसा के सिलसिले में दो प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं।

नई दिल्लीः  उच्चतम न्यायालय में एक किसान संगठन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान जब अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने लखीमपुर खीरी में किसान प्रदर्शन के दौरान हिंसा और उसमें आठ लोगों के मारे जाने की घटना को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया तो शीर्ष अदालत ने इस पर टिप्पणी की कि जब इस तरह की घटनाएं होती हैं तो कोई भी उनकी जिम्मेदारी नहीं लेता है।

केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे एक किसान संगठन की याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने यह टिप्पणी की। इस संगठन ने याचिका में मांग की है कि उसे यहां जंतर मंतर पर ‘सत्याग्रह’ करने की अनुमति देने का निर्देश अधिकारियों को दिया जाए। अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ से कहा कि तीन नए कृषि कानूनों की वैधता को अदालत में चुनौती दी जा चुकी है ऐसी स्थिति में इस तरह के प्रदर्शनों पर रोक लगनी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने देखा कि कल लखीमपुर खीरी में दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी है।’’ वेणुगोपाल ने कहा कि इस घटना में आठ लोगों की जान चली गई। उन्होंने कहा कि अब कोई और दुर्भाग्यपूर्ण घटना नहीं होनी चाहिए। इस पर न्यायालय ने कहा कि इस तरह की घटनाओं में जान-माल का नुकसान होने पर कोई भी उसकी जिम्मेदारी नहीं लेता है।

लखीमपुर खीरी में रविवार को कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों पर कथित रूप से दो एसयूवी वाहन चढ़ाये जाने के बाद हुयी हिंसा के सिलसिले में दो प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं। ये किसान उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आगमन का विरोध कर रहे थे। इस हिंसा में आठ व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मामला शीर्ष अदालत के समक्ष है तो उसी मुद्दे को लेकर किसी को भी सड़कों पर नहीं उतरना चाहिए।

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस सवाल पर विचार करेगी कि क्या किसी कानून की वैधानिकता को संवैधानिक न्यायालय में चुनौती देने वाले व्यक्ति या संगठन को मामला न्यायालय के विचाराधीन होने की स्थिति में विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी जानी चाहिए। पीठ ने याचिकाकर्ता ‘किसान महापंचायत’ से कहा कि जब शीर्ष अदालत तीन नए कृषि कानूनों पर रोक लगा चुकी है तो फिर वे प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं। 

टॅग्स :लखीमपुर खीरी हिंसासुप्रीम कोर्टकिसान आंदोलनयोगी आदित्यनाथउत्तर प्रदेशBJPकांग्रेस
Open in App

संबंधित खबरें

भारतजन संस्कृतिक मंचः 50 वर्ष पूरे होने पर स्वर्ण जयंती, 15 सदस्यीय आयोजन समिति का गठन 

भारत500 करोड़ रुपये का सूटकेस दो और सीएम बनो?, पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर के बयान पर शिवकुमार ने कहा- ‘पागलों के किसी अस्पताल’ में भर्ती हो?

क्राइम अलर्टनाबालिग लड़की और मां को प्रलोभन देकर साहिब से शादी का दबाव, दूल्हा और उसकी मां अरेस्ट

भारतवंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं और हम सभी ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं, लोकसभा में पीएम मोदी, वीडियो

क्राइम अलर्टBareilly poster row: मुख्य आरोपी मौलवी तौकीर रजा और 37 अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल, 26 सितंबर को ‘आई लव मुहम्मद’ पोस्टर विवाद को लेकर भड़की थी

भारत अधिक खबरें

भारतNCERT की कक्षा 7वीं की अपडेटेड टेक्स्टबुक में गजनी की क्रूरता शामिल

भारतजब वंदे मातरम् के 100 वर्ष हुए, तब देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा हुआ था?, पीएम मोदी ने कहा-संविधान का गला घोंट दिया गया था, वीडियो

भारत‘अंग्रेजों ने बांटो और राज करो का रास्ता चुना’, लोकसभा में पीएम मोदी ने कहा-आजादी की लड़ाई, मातृभूमि को मुक्त कराने की जंग थी, वीडियो

भारतIndiGo Flight Cancellations: इंडिगो संकट, 7वें दिन 400 फ्लाइट कैंसिल, हालात से लाचार हजारों पैसेंजर, देखिए दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई एयरपोर्ट हाल, वीडियो

भारतमेरे सम्मानित प्रदेश वासियों?, सीएम योगी लिखी चिट्ठी, क्या है इसमें खास?, पढ़िए