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चीन को माकूल जवाब देने की पीएम मोदी की तैयारी, देर रात हुई बैठक, बातचीत से नहीं निकला हल तो भारत अपना सकता है दूसरे तरीके

By विनीत कुमार | Updated: June 17, 2020 10:28 IST

पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुए खूनी संघर्ष ने तनाव को बेहद बढ़ा दिया है। ऐसी भी रिपोर्ट्स हैं भारत को ज्यादा नुकसान हुआ है क्योंकि चीनी सेना ने पहले से वहां बंकर बना रहे थे।

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ठळक मुद्देलद्दाख में हुए झड़प के बाद सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की हुई बैठकइस बैठक में कई विकल्पों पर विचार भी हुआ, माना जा रहा है कि भारत कठोर कदम उठा सकता है

चीन और भारत के सैनिकों के बीच झड़प के बाद सुरक्षा स्थिति को लेकर सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) की बैठक मंगलवार रात हुई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चीन के मुकाबले भारत का ज्यादा नुकसान हुआ है। दरअसल चीनी सेनाओं ने गलवान में 14500 फीट की ऊंचाई पर बंकर बना रखे थे। इसके बावजूद भारत की ओर से पूरी ताकत से जवाब दिया गया लेकिन नुकसान भारतीय पक्ष को ज्यादा हुआ है।

बहरहाल, रात करीब 10 बजे दिल्ली में हुई अहम बैठक में पीएम मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और सेना प्रमुख एमएम नरवणे मौजूद थे।

पीएम मोदी करेंगे बड़ी कार्रवाई!

लोकमत संवाददाता हरीश गुप्ता को CCS सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारत फिलहाल मामलों को बातचीत से सुलझाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि हालात अगर नहीं सुधरते हैं तो भारत दूसरे तौर-तरीके अपना सकता है। सूत्रों के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी भारत को हुए नुकसान का जवाब देने के लिए कोई अहम कदम उठा सकते हैं।

बता दें कि पूर्वी लद्दाख में सोमवार रात गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गए। पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है। 

सेना की ओर से शुरू में मंगलवार को कहा कि एक अधिकारी और दो सैनिक शहीद हुए हैं। हालांकि, देर शाम बयान में कहा गया कि 17 अन्य सैनिक 'जो अत्यधिक ऊंचाई पर शून्य से नीचे तापमान में गतिरोध के स्थान पर ड्यूटी के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे, उन्होंने दम तोड़ दिया है। इससे शहीद हुए सैनिकों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है।'

साल 1967 के बाद पहली बार ऐसा टकराव

साल 1967 में नाथू ला में झड़प के बाद दोनों सेनाओं के बीच यह सबसे बड़ा टकराव है। उस वक्त टकराव में भारत के 80 सैनिक शहीद हुए थे और 300 से ज्यादा चीनी सैन्यकर्मी मारे गए थे।

भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि झड़प में हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया गया और अधिकतर जवान चीनी पक्ष द्वारा किए गए पथराव और लोहे की छड़ों के इस्तेमाल के कारण घायल हुए। झड़प में घायल हुए अधिकारी की पहचान 16 वीं बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अधिकारी कर्नल संतोष बाबू के तौर पर हुई। वह तेलंगाना के निवासी थे।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प क्षेत्र में 'यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने के चीनी पक्ष के प्रयास' के कारण हुई।  

(भाषा इनपुट के साथ)

टॅग्स :नरेंद्र मोदीचीनलद्दाखइंडिया
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