लद्दाख: जलवायु परिवर्तन के कारण पिछले 2 महीने में हुई 11 टूरिस्टों की हुई मौत, 2021 में भी 6 यात्रियों की गई थी जान

By सुरेश एस डुग्गर | Published: June 18, 2022 02:40 PM2022-06-18T14:40:20+5:302022-06-18T14:44:54+5:30

ऐसे में लद्दाख आने वाले टूरिस्ट अब पहले दो दिन लेह कस्बे या फिर करगिल के होटल के इलाके के आसपास रह कर ही मौसम के अनुकूल अपने आपको ढालने का प्रयास करें और फिर उसके बाद वे आगे की यात्रा पर बढ़ें।

Ladakh 11 tourists died in the last 2 months due to climate change 6 passengers were killed in 2021 | लद्दाख: जलवायु परिवर्तन के कारण पिछले 2 महीने में हुई 11 टूरिस्टों की हुई मौत, 2021 में भी 6 यात्रियों की गई थी जान

लद्दाख: जलवायु परिवर्तन के कारण पिछले 2 महीने में हुई 11 टूरिस्टों की हुई मौत, 2021 में भी 6 यात्रियों की गई थी जान

Highlightsलद्दाख आने वाले पिछले 2 महीने में 15 टूरिस्टों की मौत हुई है। यह मौतें अल्टीट्यूड सिकनेस के कारण होती है। इसलिए लद्दाख जाने से पहले लद्दाख के मौसम के बारे में जानना बहुत ही जरूरी हो गया है।

जम्मू: बर्फीले रेगिस्तान लद्दाख में आकर फटाफाट टूरिज्म करने का सपना उन टूरिस्टों पर भारी पड़ रहा है जो जलवायु और मौसम के अनुसार तत्काल न ही अभ्यस्त हो पा रहे हैं और न ही अपने आपको ढाल पा रहे हैं। नतीजा सामने है कि पिछले दो महीनों में ऐसे 11 टूरिस्टों की मौत हुई है जो अल्टीट्यूड सिकनेस का शिकार हो गए है। 

पिछले साल भी टूरिस्टों ने गवाई थी जान

आपको बता दें कि पिछले साल भी अल्टीट्यूड सिकनेस के कारण 6 टूरिस्टों ने अपनी जान गंवाई थी। दरअसल थ्री इडियट्स की सफलता के बाद लद्दाख और उसके पहाड़ टूरिस्टों के लिए आकर्षण का केंद्र इस कद्र बन चुके हैं कि आंकड़े आप बोलते हैं। आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2021 में कुल सवा तीन लाख टूरिस्ट आए थे। इसमें से सवा दो लाख हवाई जहाज से आए थे। यही समस्या की जड़ है। 

2 महीने में हुई 15 टूरिस्टों की मौत

इस बार भी लद्दाख आने वालों में से 97 परसेंट ने हवाई जहाज का रास्ता अपनाया और लेह हवाई अड्डे पर पहुंचते ही फटाफट वाला टूरिज्म आरंभ कर दिया था। इसके कारण कुल 15 टूरिस्टों की मौत पिछले दो महीनों में हो गई है। इनमें से 11 अल्टीट्यूड सिकनेस अर्थात मौसम के अनुकूल अपने आपको न ढाल पाने के कारण मृत्यु का ग्रास बन गए है।

जानकारी के लिए लद्दाख 15 से 18 फुट की ऊंचाई पर होने के कारण वहां आक्सीजन की कमी है। यही कारण है कि करगिल व चीन सीमा के मोर्चे पर तैनात किए जाने वाले सैनिकों को भी पहले 15 दिन लेह में रखा जाता है और फिर आगे भेजा जाता है। 

क्यों टूरिस्टों की हो जाती है मौत

आपको बता दें कि टूरिस्ट लेह पहुंचते ही अगले ही दिन 18 हजार फुट पर स्थित पैंगांग लेक व खर्दुंगला व चांगला दर्रे के सैर सपाटे पर निकल जाते हैं जहां आक्सीजन की भारी कमी है। इसे लद्दाख आटोनोमस हिल काउंसिल के सीईओ सुसाइड मिशन कहते थे। उनका कहना था कि ऐसा करके हम अपनी मौत को बुलावा देते हैं।

ऐसे में अब जबकि जून के पहले दस दिनों के भीतर ही चार टूरिस्टों की मौत जलवायु में अभ्यस्त न हो पाने के कारण हुई तो लेह व करगिल के प्रशासन की ओर से चेतावनी जारी करनी पड़ी है। 

टूरिस्टों के लिए जरूरी सन्देश

इस आदेश के मुताबिक, आने वाले टूरिस्ट अब पहले दो दिन लेह कस्बे या फिर करगिल में होटल के इलाके के आसपास रह कर ही मौसम के अनुकूल अपने आपको ढालने का प्रयास करेंगें और उसके बाद वे आगे की यात्रा पर बढ़ेगें। अर्थात अब लद्दाख आने वाले टूरिस्टों को अपने प्रोग्राम में दो और दिनों का इजाफा करना होगा जिसका उनके बजट पर भी असर पड़ेगा।
 

Web Title: Ladakh 11 tourists died in the last 2 months due to climate change 6 passengers were killed in 2021

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे