Krishna Janmabhoomi Dispute Case: कृष्ण जन्मभूमि विवाद पर बड़ा फैसला, सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाई, जानें
By सतीश कुमार सिंह | Updated: January 16, 2024 17:48 IST2024-01-16T11:31:04+5:302024-01-16T17:48:24+5:30
Krishna Janmabhoomi Dispute Case: उच्चतम न्यायालय ने मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटी शाही ईदगाह के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को अमल में लाने पर रोक लगायी है।

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Krishna Janmabhoomi Dispute Case:सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद का निरीक्षण करने के लिए एक अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी।
Supreme Court stays Allahabad High Court order appointing commissioner to inspect mosque in connection with Mathura’s Sri Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah Masjid dispute pic.twitter.com/5vx0cooI1C
— ANI (@ANI) January 16, 2024
उच्चतम न्यायालय ने मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि से सटी शाही ईदगाह मस्जिद के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर मंगलवार को रोक लगा दी। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने 14 दिसंबर 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी।
जिसमें मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण अदालत की निगरानी में कराने पर सहमति जतायी गयी थी। हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद परिसर में ऐसी निशानियां हैं जिससे पता चलता है कि यह एक वक्त में मंदिर था। पीठ ने कहा कि कुछ कानूनी मुद्दे खड़े हुए हैं और उसने सर्वेक्षण के लिए अदालती आयुक्त की नियुक्ति के लिए उच्च न्यायालय के समक्ष पेश किए ‘‘अस्पष्ट’’ आवेदन पर सवाल उठाए।
पीठ ने हिंदू पक्षों जैसे कि भगवान श्रीकृष्ण विराजमान और अन्य की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान से कहा, ‘‘आप अदालत आयुक्त की नियुक्ति के लिए अस्पष्ट आवेदन नहीं दे सकते। इसका उद्देश्य बहुत स्पष्ट होना चाहिए। आप सब कुछ अदालत पर नहीं छोड़ सकते।’’ न्यायालय ने हिंदू संस्थाओं को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है।
उसने यह स्पष्ट कर दिया कि विवाद से जुड़े मामलों की उच्च न्यायालय में सुनवाई जारी रहेगी। उच्चतम न्यायालय शाही ईदगाह के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह की प्रबंधन समिति की याचिका पर सुनवाई कर रहा है।
मस्जिद समिति ने अपनी याचिका में कहा कि उच्च न्यायालय को मुकदमे में किसी भी अन्य विविध आवेदन पर निर्णय लेने से पहले वादपत्र की अस्वीकृति के लिए उसकी याचिका पर विचार करना चाहिए था। समिति ने इस आधार पर याचिका खारिज करने का अनुरोध किया था कि यह मुकदमा प्रार्थना स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 द्वारा वर्जित है जो धार्मिक स्थल के स्वरूप में बदलाव पर रोक लगाता है।