कोविड टीकाकरण: न्यायाधीशों, वकीलों को प्राथमिकता श्रेणी में शामिल करने की याचिका पर केंद्र को नोटिस

By भाषा | Updated: February 16, 2021 19:09 IST2021-02-16T19:09:05+5:302021-02-16T19:09:05+5:30

Kovid Vaccination: Notice to Center on petition to include judges, lawyers in priority category | कोविड टीकाकरण: न्यायाधीशों, वकीलों को प्राथमिकता श्रेणी में शामिल करने की याचिका पर केंद्र को नोटिस

कोविड टीकाकरण: न्यायाधीशों, वकीलों को प्राथमिकता श्रेणी में शामिल करने की याचिका पर केंद्र को नोटिस

नयी दिल्ली, 16 फरवरी उच्चतम न्यायालय ने न्यायाधीशों, न्यायिक कर्मचारियों और वकीलों को कोविड-19 टीकाकरण के लिए प्राथमिकता श्रेणी में शामिल करने का अनुरोध करने वाली एक जनहित याचिका पर मंगलवार को केंद्र से जवाब मांगा।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमण्यन की पीठ ने स्वास्थ्य मंत्रालय और (कोविड-19) टीकाकरण पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह को नोटिस जारी किया तथा याचिका पर सुनवाई दो हफ्ते बाद के लिए निर्धारित कर दी।

पीठ वकील अरविंद सिंह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिका में कहा गया है कि केंद्र ने न्यायपालिका के सदस्यों, न्यायिक कर्मचारियों, वकीलों और उनके कर्मचारियों को कोविड-19 टीकाकरण में प्राथमिकता श्रेणी में शामिल करने के उनके अनुरोध पर विचार नहीं किया है।

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि विधिक प्रणाली से जुड़े लोग --न्यायाधीश, वकील, अदालत के कर्मचारी और वकीलों के कर्मचारी-- पूरे भारत में ‘आवश्यक सेवाएं ’ प्रदान कर रहे हैं और इसलिए उन्हें प्राथमिकता श्रेणी में शामिल किया जाए।

उन्होंने कहा कि मार्गदर्शन के लिए सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ समूह ने विधिक समुदाय से संबद्ध लोगों के दावों पर अपनी 150 पृष्ठों से अधिक लंबी रिपोर्ट में विचार तक नहीं किया।

उन्होंने कहा कि पुलिस एवं अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ अग्रिम मोर्चे के कर्मियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है और इन एजेंसियों के सारे मामले आखिरकार अदालतों में ही आते हैं। इसलिए, अदालती कामकाज में शामिल लोगों को भी अग्रिम मोर्चे का कर्मी माना जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘ टीकाकरण के लिए उनके साथ भी अन्य आवश्यक सेवाओं के कर्मचारियों के समान व्यवहार किया जाना चाहिए।’’

जनहित याचिका में कहा गया है कि केन्द्र ने आबादी समूह की पहचान की है, जिन्हें पहले टीका लगाया जाएगा, लेकिन यह किसी भी निर्धारित मानदंड पर आधारित नहीं है और संभवत: इसमें मनमानी की गई तथा बगैर सोचे-समझे इस बारे में फैसला किया गया।

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Web Title: Kovid Vaccination: Notice to Center on petition to include judges, lawyers in priority category

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