कोविड-19 : वकीलों की संस्था ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की

By भाषा | Updated: May 3, 2021 16:39 IST2021-05-03T16:39:02+5:302021-05-03T16:39:02+5:30

Kovid-19: Lawyers' Association filed a petition in the High Court | कोविड-19 : वकीलों की संस्था ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की

कोविड-19 : वकीलों की संस्था ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की

अहमदाबाद, तीन मई वकीलों के एक संघ ने कोविड-19 महामारी के बीच सोमवार को गुजरात उच्च न्यायालय को आईसीयू बेड, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन, प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की कमी और आरटी-पीसीआर जांच के नतीजों में देरी समेत रेमडेसिविर दवा की कालाबाजारी से अवगत कराते हुए इस ओर अदालत का ध्यान आकृष्ट कराया, जो राज्य के कुछ ग्रामीण हिस्सों में प्रमुख मुद्दे हैं।

कोविड-19 की स्थिति पर स्वत: संज्ञान लेते हुए गुजरात उच्च न्यायालय वकील संघ ने उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की। याचिका में उन्होंने कहा कि लोगों से ईमेल और वाट्सऐप संदेशों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ जिलों में आरटी-पीसीआर जांच के नतीजे आने में तीन से चार दिन का वक्त लग रहा है।

वकीलों के संघ ने कहा कि पंचमहल में रहने वालों को इलाज के लिए अहमदाबाद या वडोदरा में पास के इलाकों में जाने के लिए नोडल अधिकारियों से अनुमति लेनी पड़ रही है।

उन्होंने कहा कि नर्मदा जिले में सीटी (कम्प्यूटराइज्ड टोमोग्राफी) स्कैन 4,000 रुपये में हो रहा है और सरकारी अस्पतालों में वेंटीलेटर चलाने के लिए प्रशिक्षित तकनीशियन भी नहीं है जबकि आरटी-पीसीआर जांच केंद्र पूरी तरह से काम नहीं कर रहे हैं।

याचिका में सुरेंद्रनगर, तापी, छोटा उदयपुर, नर्मदा और पंचमहल में मुद्दों का जिक्र किया गया है।

इसमें कहा गया है कि छोटा उदयपुर में पहले की तरह ही शादियों एवं अन्य कार्यक्रमों में भीड़ जुट रही है जबकि जरूरी सामान की कीमतें आसमान छू रही हैं।

वकीलों के संघ ने अदालत से राज्य सरकार को लचीली मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) अपनाने का निर्देश देने का अनुरोध किया ताकि बीमार लोगों को सिर्फ इस आधार पर नहीं लौटाया जाये कि उनकी आरटी-पीसीआर जांच में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। जांच के ऐसे कई नतीजों में ‘फॉल्स निगेटिव’ दर्शाया गया है।

उन्होंने कहा कि डीआरडीओ द्वारा अहमदाबाद में बनाये गये 900 बेड वाले धन्वंतरी कोविड-19 हॉस्पिटल में शवों या पीड़ितों को उनके रिश्तेदारों या परिजनों को सौंपने की कोई व्यवस्था नहीं है और परिजनों को एंबुलेंस के इंतजाम के लिए 10,000 रुपये तक खर्च करना पड़ रहा है।

मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति बीडी कारिया की खंड पीठ मंगलवार को याचिका पर सुनवाई करेगी।

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Web Title: Kovid-19: Lawyers' Association filed a petition in the High Court

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