अगले महीने फिर मनाई जाएगी कोरेगांव-भीमा युद्ध की वर्षगांठ, अबकी ऐसी है सुरक्षा व्यवस्था
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 7, 2018 12:05 PM2018-12-07T12:05:18+5:302018-12-07T12:05:18+5:30
इस साल एक जनवरी को इस युद्ध की 200वीं वर्षगांठ के दौरान हिंसा हुई थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.
अगले महीने कोरेगांव-भीमा युद्ध की 201वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी. इस दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुणे पुलिस तमाम कदम उठा रही है. पुणे (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक संदीप पाटिल ने कहा,''कोरेगांव-भीमा में और आस-पास भारी पुलिसिया बंदोबस्त किए जाएंगे.
राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) की कंपनियां, होमगार्ड एवं जिला प्रशासन अधिकारियों की भी तैनाती की जाएगी. कुंभ मेले के दौरान या 'आषाढ़ी एकादशी' पर पंढरपुर में जैसे सुरक्षा इंतजाम किए गए थे वैसे ही यहां भी पुलिस की तैनाती की जाएगी.
इस साल एक जनवरी को इस युद्ध की 200वीं वर्षगांठ के दौरान हिंसा हुई थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. पाटिल ने बताया कि इस बार स्थिति नियंत्रण से बाहर न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए 'जय स्तंभ (विजय स्तंभ), कोरेगांव-भीमा तथा अन्य निकटवर्ती गांवों के अंदर तथा आस-पास भारी सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी.
किसी तरह की अफवाह को फैलने से रोकने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों की निगरानी के साथ ही आसामाजिक तत्वों पर नजर रखी जा रही है. पिछले कुछ महीनों में पाटिल एवं पुणे के कलेक्टर नवल किशोर राम ने जिले में कोरेगांव-भीमा, पेरणे, सणसवाड़ी, लोणीकंद एवं शिक्रापुर गांवों का दौरा किया.