वरवर राव की गिरफ्तारी पर परिजनों ने उठाया सवाल, कहा- वारंट के बिना किया अरेस्ट, मारा छापा

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: August 29, 2018 03:49 PM2018-08-29T15:49:48+5:302018-08-29T15:50:04+5:30

भीमा-कोरेगाँव मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने देश भर से विभिन्न शहरों से 5 बुद्धिजीवियों को गिरफ्तार किया है।

koregaon bhima varvara rao family said arrest is illegal daughter Sujatha raised question on police raid | वरवर राव की गिरफ्तारी पर परिजनों ने उठाया सवाल, कहा- वारंट के बिना किया अरेस्ट, मारा छापा

वरवर राव तेलुगु कवि और विचारक हैं। वो प्रतिबन्धित भारतीय माओवादी पार्टी के समर्थक माने जाते हैं। (फाइल फोटो)

हैदराबाद, 29 अगस्त: वामपंथी रूझान रखने वाले कवि एवं लेखक वरवर राव की गिरफ्तारी और उनकी दो बेटियों के घरों में ली गई तलाशी कार्रवाई को परिवार के एक सदस्य ने गैरकानूनी होने का दावा किया है।

एन वेणुगोपाल ने आरोप लगाया है कि पुणे पुलिस ने उनके मामा राव के खिलाफ गिरफ्तारी और तलाशी वारंट पेश नहीं किया। 

माओवादियों से कथित संबंध रखने को लेकर पुणे पुलिस की एक टीम ने कल यहां राव को उनके आवास से गिरफ्तार किया था।

टीम ने राव को गिरफ्तार करने से पहले उनकी दो बेटियों और एक पत्रकार के घरों में तलाशी ली।

वेणुगोपाल ने आज कहा, ‘‘पूरी कार्रवाई के अंत में उन्होंने (पुणे पुलिस ने) एक पंचनामा दिया लेकिन यह बहुत ही अनुचित और अवैध दस्तावेज है।’’ 

उन्होंने दावा किया कि सात पृष्ठों की पंचनामा रिपोर्ट मराठी में लिखी है। 

वरवर राव की बेटी सुजाता ने मीडिया से कहा कि पुलिस ने उनके पूरे घर की तलाशी ली और हार्ड डिस्क, पुराने फ़ोन तक अपने साथ ले गयी।



 

वेणुगोपाल का आरोप

उन्होंने कहा, ‘‘कानून में पहली चीज तो यह है कि यदि किसी भी घर में कोई जब्ती की जाती है इसका विवरण उस भाषा में देना चाहिए जिसे उस घर में रहने वाले लोग समझ सकते हों। इसलिए, यह सात पृष्ठों का दस्तावेज अवैध है। यहां तक कि अंक भी मराठी में लिखे हुए हैं। इसलिए, कोई नहीं जानता कि उसमें क्या है। ’’ 

वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि पुलिस गवाह के रूप में अपने कर्मी को पुणे से लेकर आई थी। जबकि किसी पंचनामा रिपोर्ट में स्थानीय सम्मानित नागरिकों को गवाह बनाया जाता है। ‘‘इसलिए, यह भी एक अवैध कोशिश है।’’ पंचनामा रिपोर्ट के हर पृष्ठ पर इन दोनों गवाहों और पुलिस अधिकारी ने हस्ताक्षर किया है लेकिन राव तथा उनकी पत्नी हेमलता के हस्ताक्षर सिर्फ सातवें पृष्ठ पर लिये गये हैं। 

उन्होंने कहा, ‘‘इसका यह मतलब है कि पहले के छह पृष्ठों में पुलिस तथ्यों को गढ़ सकती है, वह जो चाहे लिख सकती है जिसे हम नहीं जानते क्योंकि यह मराठी में है। हम नहीं जानते कि क्या उन्होंने यह लिखा है, बम बरामद किए गए, पिस्तौल आदि बरामद किए गए हैं। यह पूरी कार्रवाई अवैध है।’’ 

वेणुगोपाल ने कहा कि मूल मामला भीमा - कोरेगांव का है। पुणे पुलिस अब दावा कर रही है कि जांच के तहत उन्होंने कुछ पत्र पाए थे, जिसमें उन्होंने नरेंद्र मोदी की हत्या की कोशिश के बारे में कुछ लिखा पाया। ‘‘लेकिन यह मूल मामले से निकाली गई अप्रत्याशित चीज है।’’

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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