Kolkata Nabanna March Live: 28 अगस्त को पश्चिम बंगाल में 12 घंटे बंद का आह्वान, पुलिस की कार्रवाई के विरोध में भाजपा का हल्ला बोल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 27, 2024 17:10 IST2024-08-27T17:09:20+5:302024-08-27T17:10:54+5:30
Kolkata Nabanna March Live: हावड़ा के पुलिस आयुक्त प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने मीडिया से कहा कि चारों को ‘पुलिस की निवारक कार्रवाई’ के तहत भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) धारा 172 के तहत गिरफ्तार किया गया क्योंकि वे एक साजिश में शामिल थे।

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Kolkata Nabanna March Live: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को राज्य सचिवालय ‘नबान्न’ तक मार्च में भाग लेने वालों पर पुलिस की कार्रवाई के विरोध में 28 अगस्त को पश्चिम बंगाल में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है। पुलिस ने ‘नबान्न’ की ओर बढ़ रही भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया तथा आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार का इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारी इस महीने की शुरुआत में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और उसकी हत्या के मद्देनजर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग कर रहे थे।
#WATCH | West Bengal: Police lob tear gas shells to disperse protestors as they agitate in Kolkata over RG Kar Medical College and Hospital rape-murder case.
— ANI (@ANI) August 27, 2024
Visuals near Fort William in Kolkata as Police and protestors come face to face. pic.twitter.com/tX2kTyAQfo
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘‘हमें आम हड़ताल का आह्वान करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, क्योंकि यह निरंकुश शासन लोगों की आवाज को अनसुना कर रहा है, जो मृत डॉक्टर बहन के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। न्याय के बजाय, ममता बनर्जी की पुलिस राज्य के शांतिप्रिय लोगों के साथ बर्बर व्यवहार कर रही है, जो केवल महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल चाहते हैं।’’
Union Minister and BJP national president JP Nadda tweets "The images of police highhandedness from Kolkata have angered every person who values democratic principles. In Didi's West Bengal, to help rapists and criminals is valued but it's a crime to speak for women's safety." pic.twitter.com/BUyUL6yBXI
— ANI (@ANI) August 27, 2024
पश्चिम बंगाल पुलिस ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के चार छात्र कार्यकर्ताओं के ‘‘लापता’’ होने के दावे का खंडन किया है। पुलिस ने कहा कि उन्हें हत्या की साजिश के साथ-साथ हत्या के प्रयास में कथित रूप से शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि ‘‘लापता’’ होने का आरोप झूठा है।
पुलिस ने दावा किया कि मंगलवार को ‘नबान्न अभिजन’ के दौरान चारों कथित तौर पर ‘‘बड़े पैमाने पर हिंसा फैलाने’’ की योजना बना रहे थे। इससे पहले दिन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ने आरोप लगाया था कि उनकी पार्टी के चार छात्र कार्यकर्ता आधी रात से लापता हैं। छात्र कार्यकर्ता हावड़ा पहुंचने वाले थे।
#WATCH | West Bengal: In Howrah, Indira Mukherjee, Deputy Commissioner (DC) of Central Division, Kolkata Police says, "We will see whatever happens, there is no problem. We will count later (the number of arrests), we will see things here first..." pic.twitter.com/S48GdfSgBh
— ANI (@ANI) August 27, 2024
बंगाल पुलिस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट में लिखा, ‘‘एक राजनीतिक नेता उन चार छात्रों के बारे में झूठी कहानी बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जो कल रात से लापता प्रतीत होते हैं। सच्चाई यह है कि कोई भी लापता नहीं है। चारों आज ‘नबान्न अभियान’ के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा की योजना बना रहे थे और हत्या एवं हत्या के प्रयास की साजिश में शामिल थे।
उन्हें सार्वजनिक सुरक्षा और सुरक्षा के हित में गिरफ्तार किया गया है तथा उनके परिवारों को सूचित कर दिया गया है।’’ हावड़ा के पुलिस आयुक्त प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने मीडिया से कहा कि चारों को ‘पुलिस की निवारक कार्रवाई’ के तहत भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) धारा 172 के तहत गिरफ्तार किया गया क्योंकि वे एक साजिश में शामिल थे।
शुभेंदु अधिकारी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘हावड़ा स्टेशन पर पहुंचने वाले स्वयंसेवकों को भोजन वितरित करने वाले छात्र कार्यकर्ता आधी रात के बाद अचानक लापता हो गए। न तो उनका पता लगाया जा सका है और न ही वह अपने फोन का जवाब दे रहे हैं। हमें आशंका है कि उन्हें ममता पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया है अथवा हिरासत में लिया है।’’
अधिकारी ने चेतावनी देते हुए कहा कि ‘‘अगर उन्हें कुछ हुआ तो ममता पुलिस को जवाबदेह ठहराया जाएगा।’’ भाजपा नेता ने बाद में कहा, ‘‘पुलिस ने परिवार को सूचित नहीं किया था। परिवार कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर चुका है और वकील मुख्य रूप से कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल, हावड़ा के पुलिस आयुक्त प्रवीण त्रिपाठी के खिलाफ मामला दायर करेंगे...।’’ अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था के लिए तीन से चार करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जबकि रैली का आयोजन किसी राजनीतिक दल ने नहीं किया था।
कोलकाता दुष्कर्म और हत्या मामला: डीएनए और फॉरेंसिक रिपोर्ट पर एम्स विशेषज्ञों की राय लेगी सीबीआई
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु चिकित्सक से कथित बलात्कार और उसकी हत्या से संबंधित डीएनए और फॉरेंसिक रिपोर्ट पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के विशेषज्ञों से परामर्श करेगा। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सीबीआई मामले को पुख्ता बनाने के लिए अपनी रिपोर्ट एम्स भेजकर उसके विशेषज्ञों की राय लेगी।
अधिकारियों के अनुसार इन रिपोर्ट से एजेंसी को यह पता लगाने में भी मदद मिलेगी कि क्या संजय रॉय इकलौता आरोपी था जिसने अपराध किया या अन्य लोग भी इसमें शामिल थे। उन्होंने कहा कि एजेंसी ने अब तक जिन सुरागों पर काम किया है उनके अनुसार अपराध में केवल रॉय शामिल था लेकिन एम्स के विशेषज्ञों की राय मिलने के बाद ही अन्य लोगों के शामिल होने या नहीं होने की बात स्पष्ट होगी।
अस्पताल के सभागार में एक जूनियर चिकित्सक से दुष्कर्म और उसकी हत्या के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए हैं। नौ अगस्त को महिला चिकित्सक का शव मिला था जिसके बाद कोलकाता पुलिस ने अगले दिन सीसीटीवी फुटेज के आधार पर रॉय को गिरफ्तार किया था। सीसीटीवी फुटेज में रॉय को नौ अगस्त को सुबह 4.30 बजे सभागार में घुसते हुए देखा जा सकता है जिस समय कथित अपराध हुआ था।
सीसीटीवी फुटेज के आधार पर, रॉय से गहन पूछताछ की गई और पुलिस ने उसके बाएं गाल पर ‘हाल की चोटों’, बाएं हाथ में दो उंगलियों के बीच खरोंच, बाएं जांघ के पीछे खरोंच आदि को भी देखा, जो संघर्ष का संकेत दे रहे थे। अधिकारियों ने कहा कि आरोपी के वीर्य, बाल, नाखून आदि के नमूने जुटाए गए।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को जांच कोलकाता पुलिस से सीबीआई को हस्तांतरित करने का आदेश दिया था। सीबीआई ने 14 अगस्त को जांच अपने हाथ में ले ली। सीबीआई ने कोलकाता पुलिस से सभी फॉरेंसिक साक्ष्य अपने कब्जे में ले लिए तथा अपराध के बारे में आगे की जानकारी प्राप्त करने के लिए रॉय, मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष, पीड़िता के साथ ड्यूटी पर मौजूद चार चिकित्सकों तथा एक नागरिक स्वयंसेवक का पॉलीग्राफ परीक्षण भी कराया। अधिकारियों ने कहा कि सीएफएसएल की प्रारंभिक रिपोर्ट का विश्लेषण किया जा रहा है और साक्ष्यों से उनका मिलान किया जा रहा है।