Anumula Revanth Reddy: जानें कौन हैं अनुमूला रेवंत रेड्डी, आरएसएस की छात्र शाखा एबीवीपी से राजनीतिक करियर की शुरुआत, बीआरएस और तेदेपा के बाद कांग्रेस में...
By सतीश कुमार सिंह | Published: December 5, 2023 09:27 PM2023-12-05T21:27:09+5:302023-12-06T11:56:23+5:30
Anumula Revanth Reddy 2023: तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले पार्टी की राज्य के इकाई के अध्यक्ष अनुमूला रेवंत रेड्डी प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे। कांग्रेस नेतृत्व ने रेड्डी को मंगलवार को विधायक दल का नेता बनाने का फैसला ‘सर्वसम्मति से’ किया।
Anumula Revanth Reddy 2023: तेलंगानाकांग्रेस प्रमुख अनुमूला रेवंत रेड्डी की कहानी कुछ अलग है। रेवंत रेड्डी दक्षिणी राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे। कांग्रेस ने इसकी घोषणा की। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह 7 दिसंबर को होगा।
I wholeheartedly express my gratitude to honourable AICC president
— Revanth Reddy (@revanth_anumula) December 5, 2023
Shri @kharge ji, Mother of Telangana our beloved #Soniamma , ever inspiring leader @RahulGandhi ji, charismatic @priyankagandhi ji, AICC General Secretary (Org) @kcvenugopalmp ji, deputy CM of Karnataka… pic.twitter.com/Kl50cQHxih
कौन हैं रेवंत रेड्डी?
रेवंत रेड्डी लोकसभा सांसद और दो बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने 2009 में अविभाजित आंध्र प्रदेश की विधानसभा और बाद में 2014 में तेलंगाना विधानसभा में भी प्रतिनिधित्व किया है। रेड्डी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत आरएसएस की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से की थी।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले रेड्डी पहले कुछ समय के लिए बीआरएस (तब तेलंगाना राष्ट्र समिति) में रह चुके हैं। वह 2006 में जिला परिषद चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीते थे। वह 2007 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अविभाजित आंध्र प्रदेश में विधान परिषद में निर्वाचित हुए।
2018 के विधानसभा चुनाव में बीआरएस उम्मीदवार से हार गए थे
रेड्डी तेलुगुदेशम पार्टी (तेदेपा) में शामिल हो गए थे और पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के करीबी थे। उन्होंने 2009 में तेदेपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीता था और 2014 में तेलंगाना के अलग राज्य बनने पर भी उन्होंने चुनाव में जीत दर्ज की थी। वह 2018 के विधानसभा चुनाव में बीआरएस उम्मीदवार से हार गए थे।
उन्होंने तेदेपा छोड़कर 2017-18 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उपस्थिति में दिल्ली में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। रेड्डी 2019 के लोकसभा चुनाव में तेलंगाना की मल्काजगिरि संसदीय सीट से कांग्रेस सांसद के रूप में निर्वाचित हुए। रेड्डी को 2021 में कांग्रेस में ‘जूनियर’ नेता होने के बावजूद प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई।
मई में कर्नाटक चुनाव के बाद कांग्रेस को नई ऊर्जा मिली
इससे प्रदेश कांग्रेस इकाई में अनेक वरिष्ठ नेता असंतुष्ट दिखे। रेड्डी के सामने चुनौतीपूर्ण हालात के बीच कांग्रेस का भविष्य संवारने का कठिन कार्य था और वह पार्टी नेताओं को एकजुट करने में लग गए। रेड्डी कड़ी चुनौतियों के बावजूद कांग्रेस को सफलता दिलाने की मशक्कत करते रहे और इस साल मई में कर्नाटक चुनाव के बाद कांग्रेस को नई ऊर्जा मिली।
शपथ ग्रहण समारोह सात दिसंबर को होगा। रेड्डी तेलंगाना के दूसरे मुख्यमंत्री होंगे। करीब एक दशक पहले तेलंगाना के नए राज्य के रूप में अस्तित्व में आने से लेकर अब तक भारत राष्ट्र समिति के प्रमुख के. चंद्रशेखर राव मुख्यमंत्री थे। पार्टी नेतृत्व के फैसले के बाद रेवंत रेड्डी ने खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का आभार जताया।
सूत्रों का कहना है कि रेड्डी बुधवार को यहां पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात कर सकते हैं। कांग्रेस ने हालिया विधानसभा चुनाव में बीआरस को पराजित किया। पार्टी को 119 सदस्यीय विधानसभा में 64 सीटें मिलीं तो बीआरएस को 39 सीटों से संतोष करना पड़ा।
कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री एवं पर्यवेक्षक डीके शिवकुमार ने खड़गे को रिपोर्ट सौंपी
रेवंत रेड्डी के नाम की घोषणा से कुछ देर पहले कांग्रेस की तेलंगाना इकाई के पूर्व अध्यक्ष और विधायक एन. उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा था कि वह भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं। हालांकि, जब कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में रेवंत रेड्डी के नाम की घोषणा की, तो उनके साथ उत्तम कुमार रेड्डी भी मौजूद थे।
वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘विधायक दल के नेता का फैसला करने के लिए कल कांग्रेस विधायक दल की बैठक हैदराबाद में बैठक हुई थी। उस बैठक में पर्यवेक्षक मौजूद थे...विधायक दल ने एक प्रस्ताव पारित कर विधायक दल का नेता चुनने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकृत किया था।’’
उन्होंने बताया कि आज प्रदेश प्रभारी माणिक राव ठाकरे और कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री एवं पर्यवेक्षक डीके शिवकुमार ने खड़गे को रिपोर्ट सौंपी। वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘इस रिपोर्ट पर विचार करने और वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने यह फैसला किया कि रेवंत रेड्डी विधायक दल के नेता होंगे।
रेवंत रेड्डी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं। वह बहुआयामी नेता हैं और उन्होंने वरिष्ठ नेताओं के साथ चुनाव में पूरी ताकत से प्रचार किया।’’ उनका कहना था कि रेवंत रेड्डी के नाम पर फैसला सर्वसम्मति से हुआ। उन्होंने कहा कि इस नयी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता तेलंगाना के लोगों की अकांक्षाओं और पार्टी द्वारा दी गई ‘गारंटी’ को पूरा करना है।
वेणुगोपाल ने उप मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल से जुड़े सवाल पर कहा कि आगे के विवरण के बारे में बाद में सूचित किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह ‘वन मैन शो’ नहीं होगा, यह एक टीम होगी। कांग्रेस एक टीम के साथ आगे बढ़ेगी।’’ उन्होंने बताया कि शपथ ग्रहण सात दिसंबर को होगा। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार दोपहर बैठक की, जिसमें रेवंत रेड्डी के नाम पर मुहर लगाई गई।
रेड्डी का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए पहले से ही लगभग तय माना जा रहा था। उन्हें हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत का श्रेय दिया जा रहा है। खरगे ने पहले पत्रकारों से कहा था कि मुख्यमंत्री के संबंध में फैसला आज किया जाएगा।