केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ़ किसान पिछले एक साल से आंदोलन कर रहे हैं। 26 नवंबर को किसान आंदोलन का एक साल पूजा हो जाएगा। आंदोलन की वर्षगांठ को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने बैठक बुलाई है। किसानों की यह बैठक दिल्ली-हरियाणा के कुंडली बॉर्डर पर होगी। माना जा रहा है कि आंदोलन को गति देने के लिए संयुक्त मोर्चा आज बड़े फैसले ले सकती है।
आज दोपहर 3 बजे बैठक प्रस्तावित
आज होने वाली बैठक दोपहर 3 बजे प्रस्तावित है। आंदोलन को लेकर इस बैठक में अहम निर्णय लिए जा सकते हैं। तीन कृषि कानूनों को रद्द कराने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग को लेकर किसान दिल्ली बॉर्डर पर 26 नवंबर 2020 से आंदोलन कर रहे हैं। हालांकि इस बीच किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत भी हुई, लेकिन फिर दोनों के बीच बात नहीं बनी।
बैठक में लिया जा सकता है केजीपी को बंद रखने का प्रस्ताव
इस बीच 26 जनवरी को लाल किले में हुई हिंसक घटना ने सरकार और आंदोलन कर रहे किसानों के बीच गतिरोध और बढ़ गया। इसके बाद सरकार और किसान संगठनों के बीच कोई वार्ता नहीं हुई है। आज होने वाली बैठक में संयुक्त मोर्चा कुंडली सीमा पर केजीपी को बंद रखने का प्रस्ताव ले सकता है। किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी किसानों को पहले ही सलाह दे चुके हैं कि किसानों को दिल्ली बॉर्डर की बजाय प्रधानमंत्री आवास के बाहर धरना देना चाहिए।
लंबा चलेगा किसान आंदोलन, मार्चा ने दिया संकेत
संयुक्त किसान मोर्चा ने ये स्पष्ठ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें सरकार नहीं मानती हैं तो आंदोलन जारी रहेगा। किसान मोर्चा ये पहले ही कर चुका है कि गाजीपुर बॉर्डर पर अब सभी टेंट और मोटे तिरपालों से ढके जाएंगे, जिससे धरने में शामिल किसानों को किसी भी तरह की परेशानी न हो।