Khadi Utsav: 'खादी आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने का प्रेरणा-स्रोत बन सकता है', खादी उत्सव में बोले पीएम मोदी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 27, 2022 07:22 PM2022-08-27T19:22:34+5:302022-08-27T19:51:57+5:30
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, इतिहास साक्षी है कि खादी का एक धागा, आजादी के आंदोलन की ताकत बन गया, उसने गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया। खादी का वही धागा, विकसित भारत के प्रण को पूरा करने का, आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने का प्रेरणा-स्रोत बन सकता है।
अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में शनिवार को खादी उत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। इस उत्सव में साबरमती नदी के किनारे 500 बहनों-बेटियों ने एक साथ चरखे पर सूत कातकर इतिहास रचा। इस बड़े अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
इस दौरान उन्होंने चरखा भी चलाया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, 7,500 बहनों-बेटियों ने एक साथ चरखे पर सूत कातकर नया इतिहास रच दिया है।
पीएम मोदी ने कहा, इतिहास साक्षी है कि खादी का एक धागा, आजादी के आंदोलन की ताकत बन गया, उसने गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया। खादी का वही धागा, विकसित भारत के प्रण को पूरा करने का, आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने का प्रेरणा-स्रोत बन सकता है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, आजादी के आंदोलन के समय जिस खादी को गांधी जी ने देश का स्वाभिमान बनाया, उसी खादी को आजादी के बाद हीन भावना से भर दिया गया। इस वजह से खादी और खादी से जुड़ा ग्रामोद्योग पूरी तरह तबाह हो गया। खादी की ये स्थिति विशेष रूप से गुजरात के लिए बहुत ही पीड़ादायक थी।
उन्होंने कहा, हमने खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन में खादी फॉर ट्रांसफॉर्मेशन का संकल्प जोड़ा। हमने गुजरात की सफलता के अनुभवों का देशभर में विस्तार करना शुरु किया। देशभर में खादी से जुड़ी जो समस्याएं थीं उनको दूर किया। हमने देशवासियों को खादी के उत्पाद खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया है।
पीएम मोदी ने भारत के खादी उद्योग की बढ़ती ताकत के पीछे भी महिला शक्ति का बहुत बड़ा योगदान बताया। उन्होंने कहा, उद्यमिता की भावना हमारी बहनों-बेटियों में कूट-कूट कर भरी है। इसका प्रमाण गुजरात में सखी मंडलों का विस्तार भी है।
यहां खादी के महत्व को बताते हुए पीएम मोदी ने कहा, खादी टिकाऊ वस्त्रों का उदाहरण है। यह पर्यावरण हितैषी वस्त्रों का उदाहरण है। खादी से कार्बन फुटप्रिंट कम से कम होता है। बहुत सारे देश हैं जहां तापमान ज्यादा रहता है, वहां खादी हैल्थ की दृष्टि से भी बहुत अहम है। इसलिए खादी वैश्विक स्तर पर बहुत बड़ी भूमिका निभा सकती है। इस दौरान उन्होंने देशवासियों से त्योहारों में खादी ग्रामोद्योग में बने उत्पादों को उपहार देने की अपील की है।