केरल सबरीमाला मंदिर विवाद: सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई, महिलाओं का प्रवेश वर्जित है या नहीं

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: September 28, 2018 06:53 AM2018-09-28T06:53:00+5:302018-09-28T06:53:00+5:30

बता दें कि सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर रोक है। सबरीमाला मंदिर की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया था कि 10 वर्ष से लेकर 50 वर्ष तक की महिलाएं मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकती हैं।

Kerala Sabarimala case: hearing in Supreme Court today, women's entry is banned or not | केरल सबरीमाला मंदिर विवाद: सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई, महिलाओं का प्रवेश वर्जित है या नहीं

केरल सबरीमाला मंदिर विवाद: सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई, महिलाओं का प्रवेश वर्जित है या नहीं

नई दिल्ली, 28 सितंबर:केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट आज फैसले की सुनवाई कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली संवैधानिक बेंच तय करेगी कि केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 साल से लेकर 50 साल की उम्र की महिलाओं का प्रवेश वर्जित है या नहीं। मालूम हो कि इनकी एंट्री पर बैन के खिलाफ याचिका दायर की गई है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक का विरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मंदिर एक सार्वजनिक स्थान है। 

सुप्रीम कोर्ट की  संवैधानिक पीठ के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा था कि भारत जैसे देश में प्राइवेट मंदिर का कोई सिद्धांत नहीं है। उन्होंने बताया कि मंदिर कोई प्राइवेट संपत्ति नहीं है, यह एक पब्लिक प्लेस है और सबरीमाला मंदिर जैसी सार्वजनिक जगह पर यदि पुरुष जा सकते हैं तो महिलाओं को भी प्रवेश करने का भी अधिकार मिलना चाहिए। कोर्ट के मुताबिक, अगर मंदिर खुलता है, तो उसमें कोई भी जा सकता है। किस आधार पर उसमें पुरुष जा सकते हैं और महिलाओं का प्रवेश नहीं हो सकता है। यह भारत के संविधान के खिलाफ है।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, संविधान के अनुच्छेद 25 के अंतर्गत देश के सारे नागरिक किसी भी धर्म की मानने और उसका पालन के लिए स्वतंत्र हैं। इसका मतलब है कि एक महिला के नाते आपका प्रार्थना करने का अधिकार किसी विधान के अधीन नहीं है, यह आपका संवैधानिक अधिकार है।

कोर्ट ने टिप्पणी में यह साफ कर दिया है कि मंदिर जैसे सार्वजनिक पर आप देश के किसी भी नागरिक को जाने से रोक नहीं सकते, चाहे वह फिर औरत हो या मर्द। धर्म को मामने की आजादी इस देश में सबको है।

गौरतलब है कि केरल सरकार भी इस मुद्दे पर तीन बार अपने फैसले में बदलाव ला चुकी है। 2015 में राज्य सरकार ने मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक का समर्थन किया था। वहीं,  2017 में सरकार ने इस फैसले का विरोध किया था। 2018 में सरकार ने कहा कि मंदिर में महिलाओं को प्रवेश मिलना चाहिए। इंडियन यंग लॉयर्स असोसिएशन ने एक जनहित याचिका दायर कर सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश करने की इजाजत मांगी थी।

केरल हाई कोर्ट ने मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को उस वक्त सही माना था।

बता दें कि सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर रोक है। सबरीमाला मंदिर की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया था कि 10 वर्ष से लेकर 50 वर्ष तक की महिलाएं मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकती हैं। जिन महिलाओं की उम्र 50 से अधिक है वह दर्शन के लिए आते वक्त अपने साथ आयु प्रमाण पत्र लेकर आए।

Web Title: Kerala Sabarimala case: hearing in Supreme Court today, women's entry is banned or not

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे