CAA के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची केरल सरकार, विधानसभा में पारित कर चुका है सीएए रद्द करने का प्रस्ताव

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 14, 2020 09:36 AM2020-01-14T09:36:54+5:302020-01-14T09:45:19+5:30

सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे वाला केरल पहला राज्य होगा। इससे पहले केरल विधानसभा में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को वापस लेने की मांग वाला एक प्रस्ताव पारित किया गया था।

Kerala government moves Supreme Court against Citizenship Amendment Act | CAA के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची केरल सरकार, विधानसभा में पारित कर चुका है सीएए रद्द करने का प्रस्ताव

CAA के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची केरल सरकार, विधानसभा में पारित कर चुका है सीएए रद्द करने का प्रस्ताव

Highlightsराज्य में सत्तारुढ़ माकपा नीत एलडीएफ और विपक्षी कांग्रेस नीत यूडीएफ ने सीएए के खिलाफ पेश प्रस्ताव का समर्थन किया था। यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने पेश किया था।

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर पूरे देश में बहस छिड़ी है। इसी बीच केरल सरकार ने सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। बता दें कि सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे वाला केरल पहला राज्य होगा।

संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची केरल सरकार ने कहा, 'यह कानून भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 25 के साथ-साथ धर्मनिरपेक्षता के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।' 

इससे पहले केरल विधानसभा में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को वापस लेने की मांग वाला एक प्रस्ताव पारित किया गया था। राज्य में सत्तारुढ़ माकपा नीत एलडीएफ और विपक्षी कांग्रेस नीत यूडीएफ ने सीएए के खिलाफ पेश प्रस्ताव का समर्थन किया था।

 वहीं, भाजपा के एकमात्र विधायक एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री ओ राजगोपाल ने इसका विरोध किया था। यह विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र था। यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने पेश किया था। इस तरह, वाम मोर्चा शासित यह राज्य इस विवादास्पद अधिनियम का विधायी रूप से विरोध करने वाला पहला राज्य बन गया था।

गौतरलब है कि सीएए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक आए हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान करता है, जिन्होंने इन तीन पड़ोसी देशों में धार्मिक उत्पीड़न का सामना किया है।

गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा था कि यदि भारतीय नागरिकता प्रदान करने की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन हो जाती है, तो सीएए के तहत किसी को भी भारतीय नागरिकता प्रदान करने की प्रक्रिया में किसी भी स्तर पर राज्य सरकार का हस्तक्षेप नहीं होगा।

इसके अलावा गृह मंत्रालय के अधिकारियों की यह राय है कि राज्य सरकारों के पास सीएए के क्रियान्वयन को खारिज करने की कोई शक्ति नहीं है क्योंकि यह अधिनियम संविधान की सातवीं अनुसूची की संघ सूची के तहत बनाया गया है। मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘‘संघीय सूची में शामिल किसी कानून के क्रियान्वयन से इनकार करने की राज्यों को कोई शक्ति नहीं है।’’ संघ सूची में 97 विषय हैं, जिनमें रक्षा, विदेश मामले, रेलवे, नागरिकता आदि शामिल हैं।

(समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा से इनपुट)

Web Title: Kerala government moves Supreme Court against Citizenship Amendment Act

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे