केरल में एक लंबे समय से आई बाढ़ की तबाही है कि थमने का मान ही नहीं ले रही है। वहीं, रविवार से लोगों को छोड़ी बहुत राहत मिली है, लेकिन अब तक की इस तबाही ने सैकड़ों की जान ली है और लोगों को बेघर कर दिया है। ऐसे में अब हर कोई इन बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आता दिख रहा है।
इन पीड़ितों की मदद के लिए करीब 5,645 राहत शिविर बनाए गए हैं। जबकि अब तक इस बाढ़ की त्रासदी ने 370 जिंदगियां खत्म कर दी हैं। वहीं, केंद्रीय मंत्री के.जे. एलफॉन्स ने बताया है कि बाढ़ के प्रकोप के कारण किसी भी घर में फिलहाल बिजली की सुविधा नहीं दी गई है। आज के समय में सबसे ज्यादा वहां पर इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, कारपेंटर की जरूरत है।
लोगों को आज केवल खाना और कपड़े की सबसे ज्यादा जरुरत है। वहीं, अब कहा जा रहा है इस तबाही के बाद राज्य मे महामारी अपने पैर पसार सकती है। ऐसे में शिविरों में इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि किसी भी तरह की बिमारी राज्य के अंदर अब ना फैले। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने का इस पर कहना है कि केंद्र की ओर से केरल को पूरी मदद दी जा रही है।
साथ ही राज्य में करीब 3757 मेडिकल कैंप लगे हैं, जिसमें 90 किस्म की दवाईयां भेजी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि महामारी ना फैले उसकी पूरी तैयारी की जा रही है।इसी बीच अब केरल सरकार ने तिरुवनंतपुरम में आज शाम 4 बजे राज्य में बाढ़ की स्थिति पर अखिल-पक्षीय बैठक की बुलाई है।
लोगों की मदद के लिए विमान सेवा शुरू की गई है। कोच्चि एयरपोर्ट के पूरी तरह से डूब जाने के बाद से लगातार कमर्शियल फ्लाइट सेवा जारी रहेगी, अधिकतर फ्लाइट बेंगलुरु और कोयंबटूर से उड़ान भरेंगी। बाढ़ से आई आफत के बीच राहत की खबर ये है कि सभी जिलों में जारी किया गया रेड अलर्ट अब वापस ले लिया गया । वही, मौसम विभाग का कहना है कि अब फिलहाल आफत की बारिश से लोगों को राहत मिल सकती है।
वहीं, केरल के सीएम पिनाराई विजयन का कहना है कि यह अब तक की सबसे बड़ी त्रासदी है, जिससे भारी तबाही हुई है ऐसे में हम सभी प्रकार की मदद स्वीकार करेंगे। विजयन ने कहा बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे 22,034 लोगों को बचाया गया है। 29 मई से केरल से बारिश का कहर शुरू हुआ था।