मुझे सिखाया गया, सेना में शामिल न हों क्योंकि हमें अपने ही आदमियों से लड़ना पड़ेगा, 24 वर्षीय अस्कर ने त्यागा इस्लाम, परिवार पर अपहरण, मारपीट का लगाया आरोप
By अनिल शर्मा | Published: May 7, 2022 11:01 AM2022-05-07T11:01:50+5:302022-05-07T11:24:29+5:30
कोल्लम: अस्कर अली नाम के एक 24 वर्षीय इस्लामी विद्वान को अपना धर्म (इस्लाम) त्यागने को लेकर उसके समुदाय के दस सदस्यीय गिरोह ने अपहरण किया और उसके साथ मारपीट की। अस्कर कोल्लम में बीते रविवार एक कार्यक्रम में भाग लेने वाले थे, जहां वह इस्लाम धर्म को छोड़ने की वजहों का खुलासा करने वाले थे।
अस्कर अली को दिन के उजाले के दौरान एक समुद्र तट पर ले जाया गया और एक कार के अंदर धकेल दिया गया । इसके बाद गिरोह ने उसकी पिटाई कर दी, जिसमें उसके कुछ रिश्तेदार भी शामिल थे। घटना 1 मई की है जब कोल्लम में अस्कर अली 'धर्म का उपभोग करने वाले' विषय पर एक कार्यक्रम में भाग लेने के जा रहे थे।
मलप्पुरम के रहने वाले अस्कर अली की शिकायत के बाद कोल्लम पुलिस ने उसके रिश्तेदारों सहित 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अली की शिकायत के अनुसार, मलप्पुरम के लोगों के एक समूह ने यह सुनिश्चित करने के लिए उसका अपहरण करने की कोशिश की कि वह 1 मई को कार्यक्रम को संबोधित न करे। अस्कर ने कहा, उन्होंने मेरा मोबाइल फोन तोड़ दिया और मेरे कपड़े फाड़ दिए। वे मुझे जबरन एक वाहन में ले गए और मुझे अंदर बंद करने की कोशिश की। जब स्थानीय लोगों ने शोर मचाया तो पुलिस ने मुझे बचा लिया।
अस्कर ने अपने रिश्तेदारों पर भी इसमें शामिल होने का आरोप लगाया है। उसने कहा कि मेरे कुछ रिश्तेदारों और कुछ स्थानीय लोगों ने मुझे कोल्लम जाने से रोकने की पूरी कोशिश की थी। सबसे पहले, उन्होंने हमारे स्थानीय पुलिस स्टेशन मलप्पुरम में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मुझे थाने में पेश होने के लिए बुलाया। लेकिन जब पुलिस ने मुझसे संपर्क किया, तो मैंने उन्हें बताया कि मैं कार्यक्रम करने के बाद आऊंगा।
मुझे अगवा करने और मारपीट करने में रिश्तेदारों ने साथ दियाः अस्कर
अस्कर ने आगे बताया, मैं एक होटल में ठहरा हुआ था, जब मेरे दो रिश्तेदार मुझसे यह कहते हुए आए कि उन्हें कुछ पारिवारिक मामलों पर चर्चा करने की जरूरत है। उन्होंने मुझे बताया कि वे ट्रेन से कोल्लम आए हैं। हम एक ऑटो रिक्शा में समुद्र तट पर गए, जहां एक इनोवा में कई लोग मेरा इंतजार कर रहे थे। उन्होंने मुझे जबरन गाड़ी में ले जाने की कोशिश की और मेरे साथ मारपीट की। मैं जोर-जोर से चिल्लाया, जिसके बाद लोग जमा हो गए और पुलिस भी आ गई, इसलिए मैं बच गया।
इस्लाम धर्म क्यों छोड़ा, अस्कर ने बताई पूरी कहानी
इस्लाम धर्म त्यागने की वजहों का जिक्र करते हुए अस्कर ने कहा कि हमें अन्य समुदायों से नफरत करना और भारतीय सेना में शामिल नहीं होना सिखाया गया क्योंकि हमें अपने ही समुदाय के सदस्यों को मारना होगा जो हमारे धार्मिक सिद्धांतों के खिलाफ है। हमें यही सिखाया गया था क्योंकि हमें उन आतंकवादियों को मारने के लिए मजबूर किया जाएगा जो भारतीय धरती में घुसपैठ करने की कोशिश करेंगे। क्या वे मुसलमान नहीं हैं? हमारा धर्म हमें सिखाता है कि दूसरे मुसलमान को मत मारो। यह वास्तव में एक खतरनाक शिक्षा है।
अस्कर अली ने कहा, वे हमें इस विचारधारा को समुदाय के साथी सदस्यों तक फैलाना भी सिखाते हैं। यह बेहद खतरनाक है। किसी संगठन पर प्रतिबंध लगाने से इस खतरे को रोकने में मदद नहीं मिलेगी। इस्लाम जैसा है, असली फासीवाद है। 30 अप्रैल को अली के परिवार ने मलप्पुरम में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। सोमवार की रात, मलप्पुरम पुलिस ने अली को एक स्थानीय मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया, जिसने उसे उसकी इच्छा के अनुसार जीने की अनुमति दी।