केजरीवाल सरकार ने दिल्ली विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं रद्द की, रमेश पोखरियाल ने कहा-अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा जरूरी
By एसके गुप्ता | Published: July 11, 2020 04:16 PM2020-07-11T16:16:46+5:302020-07-11T16:22:10+5:30
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं को छात्रों के भविष्य के लिए जरूरी बताया है। पोखरियाल ने ट्वीट कर कहा है कि विश्व स्तर पर विद्यार्थियों की शैक्षणिक विश्वसनीयता, करियर के अवसरों और भविष्य की प्रगति को सुनिश्चित करना भी शिक्षा प्रणाली में बहुत मायने रखता है।
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने राज्य के विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं रद्द कर दी है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले किसी भी विश्वविद्यालय में इस साल परीक्षा नहीं होगी। उन्होंने कहा है कि लाखों बच्चों को इस फैसले से राहत मिलेगी। सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है और कहा है कि जो फैसला दिल्ली सरकार ने स्टेट यूनिवर्सिटी के लिए लिया है वहीं निर्णय केंद्र सरकार केवल दिल्ली के लिए ही नहीं बल्कि देशभर के विश्वविद्यालयों के लिए ले।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं को छात्रों के भविष्य के लिए जरूरी बताया है। पोखरियाल ने ट्वीट कर कहा है कि विश्व स्तर पर विद्यार्थियों की शैक्षणिक विश्वसनीयता, करियर के अवसरों और भविष्य की प्रगति को सुनिश्चित करना भी शिक्षा प्रणाली में बहुत मायने रखता है। बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के शैक्षणिक हितों को देखते हुए, यूजीसी ने टर्मिनल सेमेस्टर की सभी परीक्षाएं 30 सितंबर 2020 तक करने का दिशा निर्देश जारी किया है। अगर कोई छात्र परीक्षा में उपस्थित रहता है तो भी उसे आगामी विशेष परीक्षाओं में बैठने का अवसर दिया जा सकता है।
रमेश पोखरियाल निशंक ने किया ट्वीट
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर कहा है कि किसी भी शिक्षा प्रणाली में विद्यार्थियों का शैक्षणिक मूल्यांकन महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। परीक्षाओं में प्रदर्शन विद्यार्थियों को आत्मविश्वास और संतुष्टि देता है, यह उनकी क्षमता, प्रदर्शन और विश्वसनीयता का प्रतिबिंब है जो वैश्विक स्वीकार्यता के लिए आवश्यक है। परीक्षा आयोजन के लिए एचआरडी ने कोविड-19 स्थिति के मद्देनजर गृह मंत्रालय एवं स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर एसओपी तैयार की है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इससे पहले शुक्रवार को ट्वीट के जरिए यूजीसी से छात्र और शिक्षाविदों की बात सुनने को कहा था। साथ ही यूजीसी से कहा था कि वह विश्वविद्यालयों में छात्रों को बिना परीक्षा के ही अगली कक्षाओं में प्रमोट करे। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि मुझे उम्मीद है मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निवेदन पर प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी जल्द कोई फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि स्कूल का मामला अलग था, लेकिन यूनिवर्सिटी का मामला थोड़ा पेचीदा है जिस सेमेस्टर को पढ़ाया ही नहीं गया उसके बारे में एग्जाम लेना मुश्किल है। सभी को कहा गया है कि पिछले एसेसमेंट के आधार पर छात्रों को प्रमोट करें। फाइनल ईयर के छात्रों को भी इसी तरह से एसेसमेंट करके डिग्री दी जाए। इस समय परीक्षा नहीं कराई जा सकती और छात्रों को डिग्री देना भी जरूरी है क्योंकि उन्हें आगे की पढ़ाई करनी है या आगे नौकरी करनी है।