केदारनाथ में तीन जून तक यात्रा के लिए पंजीकरण पर रोक, तीर्थयात्रियों की भीड़ के कारण लिया गया फैसला
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: May 30, 2023 04:25 PM2023-05-30T16:25:09+5:302023-05-30T16:26:28+5:30
उत्तराखंड सरकार ने यात्रा के सुचारू संचालन का हवाला देते हुए केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए रोजाना की अधिकतम संख्या तय की है। प्रतिदिन अधिकतम 13,000 तीर्थयात्री ही केदारनाथ जा सकते हैं।
नई दिल्ली: उत्तराखंड सरकार ने केदारनाथ धाम जाने के लिए नए पर्यटकों के पंजीकरण को भारी भीड़ का हवाला देते हुए अगले तीन दिनों के लिए निलंबित कर दिया है। यह निर्णय भीड़भाड़ से बचने के लिए लिया गया है क्योंकि बड़ी संख्या में पर्यटकों ने यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है।उत्तराखंड के पर्यटन विभाग के मुताबिक ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के रजिस्ट्रेशन बंद कर दिए गए हैं।
उत्तराखंड सरकार ने यात्रा के सुचारू संचालन का हवाला देते हुए केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए रोजाना की अधिकतम संख्या तय की है। प्रतिदिन अधिकतम 13,000 तीर्थयात्री ही केदारनाथ जा सकते हैं। ऊपरी गढ़वाल हिमालय में स्थित केदारनाथ के कपाट सर्दी के मौसम में लगभग छह महीने बंद रहने के बाद 25 अप्रैल को खोले गए थे।
इस महीने की शुरुआत में भी खराब मौसम के कारण केदारघाटी के तीर्थयात्रियों का पंजीकरण 15 मई तक के लिए बंद कर दिया गया था। जब यात्रा के लिए पंजीकरण दोबारा शुरू हुआ तो तीर्थयात्रियों की संख्या में जोरदार इजाफा देखा गया।
दरअसल पिछले कुछ सालों से केदारनाथ जाने वालों की संख्या में काफी ज्यादा इजाफा देखा गया है। केदारनाथ अब तीर्थस्थल होने के साथ पर्यटन स्थल भी बन चुका है और यहां युवा भी काफी संख्या में जाने लगे हैं।
साल 2013 में हुई त्रासदी के बाद केदारनाथ को नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा दोबारा विकसित किया गया था। अब यहां तीर्थ यात्रियों के लिए पहले से ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध हैं। यही कारण है कि साल दर साल यात्रियों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।
बता दें कि 22 मई से शुरू हुई चारधाम यात्रा में अब तक 12 लाख से ज्यादा लोग शामिल हो चुके हैं। खराब मौसम के बावजूद केदारनाथ धाम में ही 5 लाख लोगों ने दर्शन किए हैं। करीब 30 लाख रजिस्ट्रेशन हुए हैं। गर्मी का मौसम है, तो पहाड़ों पर जाने के लिए टूरिस्ट भी आ रहे हैं। यात्रियों की बढ़ती संख्या के बाद होटल और टैक्सी संचालकों द्वारा मनमाना किराया वसूले जाने की घटनाएं भी सामने आई हैं।