जम्मू: कश्मीर में सर्दियों के मौसम में आग की घटनाओं से निपटने के लिए 70 से अधिक फायर टेंडरों को अलर्ट पर रखा गया
By सुरेश एस डुग्गर | Published: November 18, 2023 10:20 AM2023-11-18T10:20:40+5:302023-11-18T10:35:36+5:30
कश्मीर में सर्दियों के मौसम में बार-बार होने वाली आग की घटनाओं से निपटने की खतरनाक चुनौती पिछले कई सालों से बनी हुई है
जम्मू: कश्मीर में सर्दियों के मौसम में बार-बार होने वाली आग की घटनाओं से निपटने की खतरनाक चुनौती पिछले कई सालों से बनी हुई है। हालांकि, इस साल सर्दी की शुरूआत से ही अग्निशमन और आपातकालीन सेवा विभाग ने अपने कर्मियों और मशीनरी को तैयार कर लिया है और राजधानी शहर श्रीनगर में किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए 70 से अधिक फायर टेंडरों को अलर्ट पर रखा है।
जानकारी के लिए आमतौर पर, कश्मीर में शुष्क मौसम की स्थिति के कारण शरद ऋतु के मौसम और सर्दियों की शुरुआत के दौरान आग की घटनाओं में वृद्धि देखी जाती है, क्योंकि ठंड से निपटने के लिए गैस हीटर के अलावा हीटर, तेल से भरे रेडिएटर, इलेक्ट्रिक कंबल सहित बिजली के उपकरणों का बड़े पैमाने पर उपयोग होता है। ऐसे में अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा विभाग के सहायक निदेशक आकिब हुसैन मीर कहते थे कि हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
उनके बकौल हमारे अग्निशमन कर्मी सतर्क स्थिति में हैं। मीर के मुताबिक, केवल श्रीनगर शहर में 50 से अधिक फायर टेंडरों को अलर्ट पर रखा गया है, जबकि 20 से अधिक छोटे फायर टेंडर भी अग्निशामकों के निपटान में हैं। इसके अलावा, वे कहते थे कि शहर के भीड़भाड़ वाले हिस्सों तक पहुंच को सक्षम करने के लिए छोटे आकार के फायर टेंडर शुरू किए गए हैं, जहां सामान्य आकार के टेंडरों को पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।
पिछले हफ्ते, प्रतिष्ठित डल झील के अंदर रात भर लगी आग की घटना में तीन पर्यटकों की मौत हो गई और पांच से अधिक हाउसबोट जलकर खाक हो गए। इससे पहले, 9 नवंबर को बाग-ए-मेहताब में आग ने एक आवासीय घर को नुकसान पहुंचाया था, जिसने बाद में एक अन्य घर और कई दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया था, जिससे वे राख में तब्दील हो गए थे। उसी दिन, शहर के नूर बाग इलाके में एक और घटना सामने आई, जिसमें दो मंजिला घर को भारी नुकसान हुआ।
एफ एंड ईएस विभाग के आंकड़ों के अनुसार, कश्मीर में वर्ष 2021 में 2274 से अधिक और वर्ष 2020 में 2336 आग की घटनाएं दर्ज की गईं। जबकि वर्ष 2019 में 1812 से अधिक आग की घटनाएं और वर्ष 2018 में 2741 आग की घटनाएं हुईं, जबकि वर्ष 2017 में 2914 आग की घटनाएं और साल 2016 में 3548 आग की घटनाएं दर्ज की गईं।
उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि ग्रीष्मकालीन राजधानी-श्रीनगर में वर्ष 2021 में कश्मीर में आग की सबसे अधिक घटनाएं देखी गईं। केवल वर्ष 2022 में 2500 आग की घटनाओं में 37 लोगों की जान चली गई जबकि लगभग 1700 संरचनाओं को नुकसान हुआ। मीर कहते थे कि विभाग ने उन इलाकों में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया वाहन (क्यूआरवी), फायर हाइड्रेंट और मिनी वॉटर टैंक खरीदे हैं, जो भीड़भाड़ वाले हैं।
पर उनकी चिंता यहै कि लोग हमें समय पर काल नहीं करते हैं। और जब हम स्थान पर पहुंचते हैं, तो वे स्वयं आग बुझाने की कोशिश करते हैं, जिससे हमारे काम में बाधा आती है। एफ एंड ईएस के निदेशक के अनुसार, विभाग को स्मार्ट सिटी परियोजना और झेलम और तवी बाढ़ रिकवरी परियोजना (जे एंड टीएफआरपी) के तहत परियोजना के हिस्से के रूप में सभी फायर स्टेशनों का एक बड़ा उन्नयन प्राप्त हुआ है।
वे बताते थे कि परियोजना के तहत शहर के सभी 23 फायर स्टेशनों को अपग्रेड किया गया है और उनका एकीकरण किया गया है और विभिन्न स्थानों पर 100 से अधिक फायर हाइड्रेंट का विकास भी किया गया है। वे बताते थे कि अग्निशमन सेवा विभाग की प्रासंगिक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए परियोजना के हिस्से के रूप में 7500-लीटर क्षमता वाले बड़े फायर टेंडर भी खरीदे गए हैं।
निदेशक एफईएस विभाग के अनुसार, शहर में भीड़भाड़ एक प्रमुख कारण है कि आग लगने की घटनाएं अधिक होती हैं। और अगर रात के दौरान आग लग जाती है, तो सड़कों पर अनियोजित कार पार्किंग के कारण हमारे जवानों को उस स्थान तक पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।