नई दिल्लीः लद्दाख में हिसंक झड़प के बाद एलएसी पर तनाव बरकरार है। इस बीच कारगिल से सटे गांदरबल में स्कूली इमारतों को खाली करने का आदेश दिया गया है। साथ ही साथ घाटी में दो महीने का एलपीजी सिलेंडरों का स्टॉक रखने के लिए कहा गया है। इन दो अलग-अलग सरकारी आदेशों से स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ गई है। दरअसल, बीते साल भी धारा 370 को खत्म करने से पहले और बालाकोट हवाई हमले से पहले भी इसी तरह का आदेश जारी किया गया था।
द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, उपराज्यपाल जी.सी. मुर्मू ने 23 जून को एक बैठक में यह निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है, 'घाटी में रसोई गैस के पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित किए जाएं क्योंकि भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो सकते हैं, जिसकी वजह से आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।' प्रशासन ने भरी गर्मी में एलपीजी सिलेंडरों का स्टॉक करने का निर्णय लिया है। आमतौर पर इस तरह की कवायद अक्टूबर-नवंबर में की जाती है जब कश्मीर घाटी में सर्दी का कहर शुरू होता है और राजमार्गों पर यातायात प्रभावित होता है।
16 शैक्षणिक संस्थान खाली करवाने का आदेश
एक अलग आदेश में गांदरबल के पुलिस अधीक्षक ने जिले के 16 शैक्षणिक संस्थानों से अनुरोध किया है कि वे उन्हें खाली करें। इनमें आईटीआई, मध्य और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शामिल हैं। आदेश में कहा गया है कि श्री अमरनाथ जी यात्रा-2020 के मद्देनजर इन शैक्षणिक संस्थानों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कंपनियों के आवास के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
कश्मीर में दहशत पैदा कर रही है सरकारः उमर अब्दुल्ला
कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर यात्रा को लेकर दिया गया आदेश लोगों को समझ नहीं आ रहा है। वहीं, गांदरबल केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में कारगिल से सटा है, जहां भारत और चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर आमने-सामने हैं। इसी को लेकर लोग चिंतित हैं। इन आदेशों को लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने हमला बोला है और कहा है कि सरकार के आदेश कश्मीर में दहशत पैदा कर रहे हैं। सरकार को स्थिति साफ करनी चाहिए।