गुरु नानक देव के 550वें जन्मदिन से पहले शुरू हो सकता है करतारपुर कॉरिडोर
By स्वाति सिंह | Published: September 16, 2019 04:38 PM2019-09-16T16:38:10+5:302019-09-16T16:38:10+5:30
Kartarpur corridor: श्रद्धालुओं के पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा तक जाने के लिए गुरदासपुर-अमृतसर रोड को अंतर्राष्ट्रीय सीमा से जोड़ने वाला चार-लेन का राजमार्ग सितंबर के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगा।
करतारपुर साहिब के लिए बन रहा करतारपुर कॉरिडोर गुरु नानक देव के 550वें जन्मदिन से पहले शुरू हो सकता है। गृह मंत्रालय के अतीरिक्त सचिव गोविंद मोहन ने सोमवार को बताया कि 11 नवंबर से करतारपुर कॉरिडोर में लोगों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। बता दें कि गुरुनानक देव का 550वां जन्मदिन 12 नवंबर को है, यानि गुरुनानक देव के 550वें जन्मदिन से पहले ही करतारपुर कॉरिडोर शुरू होने जा रहा है।
गोविंद मोहन ने कहा 'गुरदासपुर-बटाला राजमार्ग से सीमा बिंदु तक 3.5 किमी का अतिरिक्त राजमार्ग बनाया जा रहा है, इसका 70% काम हो चुका है, इसे 31 अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा 'दूसरा काम एक पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग (PTB) है जिसका काम चल रहा है। इस भवन में सिख श्रद्धालुओं के लिए आव्रजन और अन्य सुविधाएं होंगी।
बता दें कि श्रद्धालुओं के पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा तक जाने के लिए गुरदासपुर-अमृतसर रोड को अंतर्राष्ट्रीय सीमा से जोड़ने वाला चार-लेन का राजमार्ग सितंबर के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगा।
आधिकारिक विज्ञप्ति में आज बताया गया कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक राजमार्ग के निर्माण का काम तेज गति से चल रहा है और पूरी परियोजना का आधा काम पहले ही पूरा हो चुका है। 4.19 किलोमीटर लंबा राजमार्ग 120 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जा रहा है।
भारत सरकार ने पिछले साल 22 नवंबर को करतारपुर साहिब गलियारा परियोजना को मंजूरी दी थी। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने 26 नवंबर को परियोजना की आधारशिला रखी थी। परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया इस साल 14 जनवरी को शुरू की गई और यह 21 मई को समाप्त हुई।
बयान में बताया गया है कि भारतीय सीमा की ओर पुल के ढांचे का निर्माण पूरा कर लिया गया है। खंभे लगाने का काम चल रहा है। अभी तक इस परियोजना से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पाकिस्तान की तकनीकी टीम के साथ तीन तकनीकी स्तर की वार्ता हो चुकी है।
वार्ता के दौरान पाकिस्तानी अधिकारियों को यह भी बताया गया कि भारत अपनी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर रावी क्रीक (जल धारा) पर पुल बना रहा है और उसने पाकिस्तान से उनकी सीमा की ओर बूढ़ी रावी चैनल पर पुल बनाने का अनुरोध किया।