कर्नाटक: बेंगलुरु में पैदल चलने वाले यात्री नहीं है सुरक्षित, 3 साल के आंकड़ों में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

By अंजली चौहान | Published: April 7, 2024 09:45 AM2024-04-07T09:45:37+5:302024-04-07T09:57:44+5:30

संयुक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) एम एन अनुचेथ ने डीएच को बताया, "लोगों द्वारा पैदल यात्री क्रॉसिंग का उपयोग किए बिना बेतरतीब ढंग से व्यस्त सड़कों को पार करने की कोशिश करना एक बड़ी समस्या है।"

Karnataka Pedestrians are not safe in Bengaluru shocking revelation in 3 years data | कर्नाटक: बेंगलुरु में पैदल चलने वाले यात्री नहीं है सुरक्षित, 3 साल के आंकड़ों में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

कर्नाटक: बेंगलुरु में पैदल चलने वाले यात्री नहीं है सुरक्षित, 3 साल के आंकड़ों में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

बेंगलुरु: यातायात विभाग ने बेंगलुरु में सड़क हादसों का एक आंकड़ा जारी किया जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। बेंगलुरु में पैदल चलने वालों की मृत्यु में 2021 और 2023 के बीच 77% की भारी वृद्धि देखी गई है। इन आंकड़ों से साफ है कि बेंगलुरु की सड़क पर पैदल चलने वाले लोग सुरक्षित नहीं हैं। बैंगलोर ट्रैफिक पुलिस (बीटीपी) के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में 161 पैदल यात्रियों की मौत की सूचना मिली, जो 2023 तक बढ़कर 286 हो गई। एक आंकड़े के अनुसार, 2023 में शहर में दुर्घटनाओं से होने वाली कुल मौतों में से लगभग 40% पैदल यात्रियों की मौत थी।

2022 के लिए राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि नागरिक निकाय की लापरवाही के कारण बेंगलुरु में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। कि अधिकांश पैदल यात्रियों की मौत सड़क पार करते समय हुई, इसलिए ट्रैफिक पुलिस ने इसका कारण लापरवाही से व्यस्त सड़कों को पार करने वाले लोगों को बताया। स्काईवॉक और पैदल यात्री सबवे जैसे सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की कमी भी कई पैदल यात्रियों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर करती है।

संयुक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) एम एन अनुचेथ ने डीएच को बताया, "लोगों द्वारा पैदल यात्री क्रॉसिंग का उपयोग किए बिना बेतरतीब ढंग से व्यस्त सड़कों को पार करने की कोशिश करना एक बड़ी समस्या है।" उन्होंने कहा, "पिछले छह महीनों में, हमने ट्रैफिक इंजीनियरिंग सेल के साथ मिलकर काम किया है।" 

अधिकारी ने बताया कि पैदल यात्रियों को केवल पैदल यात्री क्रॉसिंग पर ही सड़क पार करने के लिए मजबूर करने के लिए बीबीएमपी व्यस्त सड़कों पर ऊंचे-ऊंचे मीडियन स्थापित करेगा। इस तरह के हस्तक्षेपों से सकारात्मक परिणाम मिले हैं।

शहर में पैदल यात्रियों के लिए नहीं है इंतजाम 

शहर में रह रहे यात्रियों का कहना है कि शहर के कई जंक्शनों पर पैदल यात्री क्रॉसिंग का भी अभाव है। उदाहरण के लिए, शहरी जीवन प्रयोगशाला सेंसिंग लोकल द्वारा 185 जंक्शनों पर किए गए एक सर्वेक्षण में पैदल यात्री क्रॉसिंग के गायब होने के 488 मामले सामने आए। हालाँकि, बीबीएमपी अधिकारियों ने कहा कि वे शहर की सड़कों को पैदल यात्रियों के लिए अनुकूल बनाने के लिए उपाय कर रहे हैं।

बीबीएमपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हम आवश्यकताओं को समझने के लिए ट्रैफिक पुलिस के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और तब परियोजनाएं शुरू की जाती हैं। इसके अलावा, हमने फुटपाथ की मरम्मत के लिए वार्ड स्तर पर 25 लाख रुपये के करीब धनराशि निर्धारित की है।"

बीबीएमपी अधिकारी का कहना है कि फुटपाथों पर अतिक्रमण के कारण काफी मुश्किलें आती है और उन लोगों को हटाना आसान नहीं है क्योंकि कुछ दिन बाद विक्रेता फिर आ जाते हैं।

2023 में 286 पैदल यात्रियों की मौतों में से 66 मौतें तब हुईं जब पीड़ित सड़क के किनारे चल रहा था। नागरिक समूहों द्वारा किए गए कई सर्वेक्षणों से पता चला है कि शहर में अधिकांश फुटपाथ चलने योग्य नहीं हैं, उनमें से अधिकांश पर अतिक्रमण किया गया है।

नॉर्थ ईस्ट रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (एनईआरडब्ल्यूए) के कार्यकारी सदस्य क्रिस्टोफर क्रूज के अनुसार, ज्यादातर फुटपाथ या तो टूटे हुए हैं या उन पर अतिक्रमण है। अब, उनमें से कई फुटपाथ पर भी वाहन पार्क करते हैं। जब ऐसी स्थिति होती है तो नागरिकों के पास अपनी जान जोखिम में डालकर सड़कों पर उतरने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है। 

वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूआरआई) के फेलो श्रीनिवास अलविल्ली ने बताया कि बड़ी समस्या सड़क का डिज़ाइन है।


 

Web Title: Karnataka Pedestrians are not safe in Bengaluru shocking revelation in 3 years data

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