कर्नाटक: केसी वेणुगोपाल ने कांग्रेस नेताओं से कहा, "उपमुख्यमंत्री पद को लेकर अनर्गल टिप्पणी से परहेज करें"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 25, 2023 09:08 AM2023-09-25T09:08:28+5:302023-09-25T09:17:34+5:30
कर्नाटक में कांग्रेस भले ही भाजपा को पछाड़कर राज्य की सत्ता पर काबिज होने में सफल रही लेकिन पार्टी में चुनाव पूर्व और बाद में भी चल रही सियासी गुटबाजी से शीर्ष नेताओं की जी हलकान है।
बेंगलुरु:कर्नाटक में कांग्रेस भले ही भाजपा को पछाड़कर राज्य की सत्ता पर काबिज होने में सफल रही लेकिन पार्टी में चुनाव पूर्व और बाद में भी चल रही सियासी गुटबाजी से शीर्ष नेताओं की जी हलकान है। जी हां, सूबे में कांग्रेस के भीतर दबे-छुपे चल रही सिद्धारमैया बनाम डीके शिवकुमार की आपसी पैंतरेबाजी के कारण पार्टी आलाकमान बेहद परेशान है।
समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पार्टी के भीतर चल रही इस कलह को कम करने के लिए पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को सख्त आदेश दिया है कि वो कर्नाटक में कई उपमुख्यमंत्रियों के मुद्दे पर कोई भी टिप्पणी करने से परहेज करें।
इसके साथ वेणुगोपाल ने यह भी कहा कि पार्टी नेताओं द्वारा इस संबंध में की जा रही टिप्पणियां पार्टी के हित में नहीं हैं और इससे कांग्रेस को राजनीतिक नुकसान हो सकता है।
खबरों के अनुसार पार्टी की यह सख्त प्रतिक्रिया कर्नाटक के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना और विधायक बसवराज रायरेड्डी द्वारा राज्य में कई उपमुख्यमंत्रियों के बनाने के विचार के बाद आया है।
जानकारी के मुताबिक मंत्री केएन राजन्ना और विधायक बसवराज रायरेड्डी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया खेमे के नेता माने जाते हैं और उन्होंने डिप्टी डीके शिवकुमार पर दबाव बनाने के लिए कई और उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग की थी।
दरअसल सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच कर्नाटक विधानसभा से पूर्व और बाद में भी मुख्यमंत्री बनने के लिए पावरप्ले की राजनीति हुई, लेकिन इस खेल में आखिरकार सिद्धारमैया ने शिवकुमार को मात दी और बीते मई में कांग्रेस आलाकमान ने सिद्धारमैया की ताजपोशी कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर की। जबकि शिवकुमार को डिप्टी सीएम के पद से संतोष करना पड़ा।
केसी वेणुगोपाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के सामने अपन बात रखते हुए आरोप लगाया कि भाजपा और अन्य क्षेत्रीय दल कर्नाटक में कांग्रेस की चुनावी जीत से "असहज" हैं और वो मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की संख्या के बारे में बेकार की अफवाह उड़ा रही हैं।
उन्होंने कहा कि पार्टी के कुछ नेता और मंत्री भी ऐसी पार्टियों के दुष्प्रचार के शिकार हो गए हैं और पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री को लेकर ऐसी कोई भी टिप्पणी अस्वीकार्य है।
वेणुगोपाल ने पार्टी नेताओं और मंत्रियों को पार्टी के साथ-साथ सरकार से संबंधित मुद्दों को पार्टी मंच पर उठाना चाहिए न कि सार्वजनिक मंच पर। कांग्रेस महासचिव ने यह भी कहा कि पार्टी सदस्यों द्वारा सार्वजनिक रूप से दिए गए बयान पार्टी की अनुशासन और एकजुटता को प्रभावित करेंगे।