कर्नाटक: कांग्रेस ने 'नंदिनी बनाम अमूल' में फिर घेरा भाजपा को, बोली- "नंदिनी ब्रांड को खत्म करने वालों को जनता सिखाएगी सबक"
By अनुभा जैन | Updated: April 11, 2023 16:51 IST2023-04-11T16:48:06+5:302023-04-11T16:51:52+5:30
कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा राज्य के नंदिनी ब्रांड को नष्ट करने और नंदिनी के स्थान पर ’अमूल’ को आगे बढ़ाने का काम कर रही है।

फाइल फोटो
बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 'नंदिनी बनाम अमूल' का विवाद अब कांग्रेस-भाजपा के लिए नाक का सवाल बन गया है। इस बीच अमूल के इस ऐलान से कि अब वो ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए घरों में ताजा दूध और दही पहुंचाएगा, अमूल के खिलाफ आक्रोश तेज होता जा रहा है।
कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि यह राज्य के नंदिनी ब्रांड को नष्ट करने और कर्नाटक में नंदिनी के स्थान पर ’अमूल’ को आगे बढ़ाने का विवाद सत्ताधारी दल का है। अमूल के एमडी जयन मेहता ने कहा कि 'अमूल को नंदिनी' या 'अमूल बनाम नंदिनी’ के साथ विलय या प्रतिस्पर्धा का कोई सवाल ही नहीं है। अमूल का कर्नाटक मिल्क फेडरेशन केएमएफ की नंदिनी के साथ कोई मुकाबला नहीं है। हम अगले एक दशक में भी इसका मुकाबला नहीं कर पाएंगे। हम ई-कॉमर्स बाजार में प्रवेश करने पर विचार कर रहे हैं, जहां दुग्ध सहकारी संघ की उपस्थिति 10 प्रतिशत से कम है।
वहीं अमूल की ओर से दिये गये इस स्पष्टीकरण के बावजूद कांग्रेस ने कहा कि भाजपा ने मतदान के समय अमूल को नंदिनी के खिलाफ धकेल कर बहुत बड़ी गलती कर रही है और यह सब विवाद दिसंबर 2022 में अमित शाह के कर्नाटक दौरे के साथ शुरू हुआ जब उन्होंने अमूल के साथ केएमएफ के विलय या सहयोग का प्रस्ताव रखा। अमित शाह के बयान का भी पूरा विरोध किया गया और इसे नंदिनी को बर्बाद करने की कोशिश के तौर पर देखा गया। केएमएफ के अधिकारियों का कहना है कि यह अनैतिक है और अमूल सहकारी समितियों के अलिखित नियम को तोड़ रहा है।
कांग्रेस ने ट्विटर पर इसे “अमित शाह की दुष्ट चाल“ कहा और राज्य भाजपा समर्थकों से सवाल उठाया कि वे इस कदम को सही क्यों ठहरा रहे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि इन भाजपा पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए अमित शाह जैसा चाहते हैं वैसा करना डेयरी किसानों की आजीविका से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल पर अमित शाह पर आरोप लगाया कि यह चुनाव के दौरान गुजरात के बाहर अधिक से अधिक सहकारी समितियों को नियंत्रित करने के लिए शाह की साजिश है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, “इसके खिलाफ कर्नाटक के लोगों को मिलकर आवाज उठानी चाहिए। सभी संकल्प लें कि अमूल उत्पादों को नहीं खरीदेंगे।" उन्होंने भाजपा सरकार पर किसानों की ब्रांड नंदिनी को नष्ट करने का आरोप लगाया।
वहीं अमूल के एमडी जयेन मेहता ने स्पष्ट किया और कहा, "अमूल और केएमएफ के बीच अच्छे संबंध हैं और जब भी जरूरत होती है हम एक-दूसरे का साथ देते हैं। बेलगावी और हुबली में अमूल की मौजूदगी कई सालों से है। केएमएफ को चुनौती देने का कोई सवाल ही नहीं है। ग्राहकों की दिलचस्पी और डेटा को देखते हुए हमने दूध और दही को सिर्फ ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए बेचने का फैसला लिया है। अमूल ताजा, अमूल गोल्ड और अमूल दही ऑनलाइन बेचे जाएंगे।"
लेकिन कांग्रेस इस जवाब से संतुष्ट नहीं है और उसका कहना है कि अमित शाह को लगता है कि वह कन्नडिगों को अपनी मर्जी से कुछ भी करने के लिए धमका सकते हैं, लेकिन कर्नाटक भाजपा को 50 सीटों से नीचे रोककर अहंकारी अमित शाह को सबक सिखाएगा।
गौरतलब है कि लोगों ने अमूल का इस्तेमाल न करने का संकल्प लिया है। गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड, जो अमूल ब्रांड के तहत अपने दुग्ध उत्पाद बेचती है। बेंगलुरु के बाजार में प्रवेश करने की कोशिश कर रही है, जिसे पहले से ही कर्नाटक मिल्क फेडरेशन केएमएफ के नंदिनी ब्रांड द्वारा खरीदा जा चुका है। बिक्री व्यवसाय में प्रवेश करने के लिए अमूल का कदम कन्नडिगाओं के बीच आक्रोश का स्रोत था और उन्होंने इसके खिलाफ हैशटैग ’बॉयकॉट अमूल, सेव नंदिनी’ के साथ एक अभियान शुरू किया है।