कर्नाटक चुनाव: इन दो तरीकों से बीजेपी विधान सभा में साबित कर सकती है बहुमत
By पल्लवी कुमारी | Published: May 17, 2018 10:34 AM2018-05-17T10:34:00+5:302018-05-17T10:34:00+5:30
बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले चुके हैं। कर्नाटक विधान सभा की 224 में से 222 सीटों के लिए ही 12 मई को वोटिंग हुए थे। कर्नाटक की दो सीटों पर 28 मई को चुनाव होने हैं, जिनके नतीजे 31 मई को आएंगे।
बेंगलुरु, 16 मई: बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले चुके हैं। येदियुरप्पा सुबह नौ बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल वजुभाई वाला ने बीएस येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों की मोहलत दी है। कर्नाटक चुनाव में शायद पूरे देश में शायद ही कभी इतनी चर्चा मिली हो। कर्नाटक विधान सभा की 224 में से 222 सीटों के लिए ही 12 मई को वोटिंग हुए थे। कर्नाटक की दो सीटों पर 28 मई को चुनाव होने हैं, जिनके नतीजे 31 मई को आएंगे।
बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री तो बन गए हैं लेकिन उनके पास बहुमत साबित करने के लिए विधायकों की पर्याप्त संख्या नहीं है। ऐसे में उसे विपक्षी दलों के उन लिंगायत विधायकों से उम्मीद है जो कांग्रेस-जेडीएस के पोस्ट पोल गठबंधन से खफा हैं, क्योंकि इसका मुखिया वोकलिंगा समुदाय के कुमारस्वामी को बनाया गया है।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस+जेडीएस के करीब दर्जन भर लिंगायत विधायक अपने समुदाय के सबसे बड़े नेता बीएस येदियुरप्पा के नाम के पीछे जा सकते हैं। कांग्रेस की तरफ से अल्पसंख्यक समुदाय का कार्ड चलने के बावजूद लिंगायत समुदाय ने चुनावों में बड़े पैमाने पर बीजेपी का साथ दिया। कांग्रेस+जेडीएस के लिंगायत विधायक वोकलिंग कुमारस्वामी के नेता बनने से काफी दुखी हैं।
कर्नाटक में 224 सीटों में से 222 सीटों पर चुनाव हो चुके हैं, कर्नाटक की दो सीटों पर 28 मई को चुनाव होने हैं, जिनके नतीजे 31 मई को आएंगे। बीजेपी के पास पहले से ही 104 सीटें है। ऐसे में बीजेपी को बहुमत साबित करने के लिए आठ विधायकों की जरूरत है। ऐसे में पार्टी की तरफ से विपक्षी दलों के जिन विधायकों को लुभाने की कोशिश की गई है उन्हें ट्रस्ट वोट के समय येदियुरप्पा के लिए वोटिंग करने को कहा जा सकता है।
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वहीं बीजेपी ये तर्क दे रही है कि लोगों ने कांग्रेस के खिलाफ वोट किया है और जेडीएस काफी अंतर से तीसरे स्थान पर है। विधानसभा चुनाव में 60 प्लस सीट लेने वाली बीजेपी ने यह साफ कर दिया है कि वह किसी-न-किसी तरीके से बहुमत साबित करेंगे।
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वहीं कांग्रेस के 4 विधायक 24 घंटे से लापता हैं। ऐसे में अगर विधानसभा में विश्वासमत के दौरान कांग्रेस+JDS के 14 विधायक ना आए तो इससे भी बीजेपी को फायदा मिलेगा। 15 विधायकों के ना आने से सदन में प्रभावी संख्या 222 से घटकर 208 रह जाएगी, ऐसे में बहुमत के लिए 104 सीटों की जरूरत पड़ेंगी। इस स्थिति में बीजेपी को बहुत ही आसानी से बहुमत साबित कर सकती है, क्योंकि उनके पास 104 सीट है।
कानून मंत्री और बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस को जनादेश को समझना चाहिए और उसका सम्मान करना चाहिए। रविशंकर प्रसाद ने पीएम मोदी पर हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा देने का आरोप लगाने वाले कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धारमैया को भी निशाने पर लिया।
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