बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार के बागवानी मंत्री मुनिरत्ना के खिलाफ चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का केस दर्ज किया गया है। मंत्री मुनिरत्ना के खिलाफ बेंगलुरु के राजाराजेश्वरी नगर पुलिस स्टेशन में ईसाई समुदाय को लेकर की गई विवादित टिप्पणी के लिए एफआईआर लिखी गई है।
कर्नाटक चुनाव आयोग के अधिकारियों की ओर से पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया है कि मंत्री मुनिरत्ना ने एक टीवी समाचार को इंटरव्यू देते हुए कथित तौर पर ईसाई समुदाय के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की है। बताया जा रहा है कि चुनाव से पहले लागू आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का तोड़ते हुए मंत्री मुनिरत्ना ने एक टीवी इंटरव्यू में दावा किया कि कुछ ईसाई धर्म से जुड़े लोग अपने आसपास के कम आयवर्ग के अन्य धर्म के लोगों को अपने धर्म को बदलने और ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रभावित करते हैं।
समाचार वेबसाइट द न्यूज मिनट के इनुसार मंत्री मुनिरत्ना टीवी इंटरव्यू में इस बात का दावा करते हैं कि ईसाई धर्म के लोग मलिन बस्तियों में बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन करा रहे हैं। उन्होंने कहा, 'ईसाई धर्म के कुछ प्रभावशाली लोग गरीब लोगों का धर्मांतरण करवा रहे हैं और यह काम झुग्गी-झोपड़ियों में सबसे ज्यादा हो रहा है। अगर किसी बस्ती में 1,400 लोग हैं, तो उसमें से 400 का धर्मांतरण हो जाता है। अगर ईसाई लोग धर्म परिवर्तन के लिए आते हैं, तो उन्हें मारो, भगाओ और वापस भेजो या फिर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराओ।
इस विवादित बयान के संबंध में ब्रुहट बेंगलुरु महानगर पालिके (बीबीएमपी) के चुनावी उड़न दस्ते-11 के प्रभारी मनोज कुमार ने शिकायत दर्ज कराई है कि राजराजेश्वरनगर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक और मंत्री मुनिरत्ना ने 31 मार्च को दिये टीवी इंटरव्यू में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का प्रयास किया है और ईसाई समुदाय का अपमान किया है।
चुनाव अधिकारी मनोज कुमार की शिकायत पर राजाराजेश्वरी नगर पुलिस ने मंत्री मुनिरत्ना के खिलाफ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की विभिन्न धाराओं और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत केस दर्ज किया है।