कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ बगावत में दम है, लेकिन विकल्प कहां है?
By प्रदीप द्विवेदी | Published: October 20, 2020 09:50 PM2020-10-20T21:50:23+5:302020-10-20T21:50:23+5:30
येदियुरप्पा के खिलाफ बगावती तेवर नजर आ रहे है. बीजेपी के बड़े नेता बासनगौड़ पाटिल यतनाल ने इस बार यह कहते हुए बगावती सियासी धमाका किया है कि पीएम नरेंद्र मोदी का मानना है कि अगला मुख्यमंत्री उत्तर कर्नाटक से होगा.
कहने को कर्नाटक में बीजेपी की सरकार है, लेकिन दरअसल वहां कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का ही एकल-राज है. वहां सरकार का गठन भी येदियुरप्पा ने अपने दम पर किया था, लिहाजा सत्ता की उम्र 75 वर्ष की सियासी नैतिकता भी वहां एक ओर रख दी गई थी.
खबर है कि इस वर्ष में दूसरी बार येदियुरप्पा के खिलाफ बगावती तेवर नजर आ रहे है. बीजेपी के बड़े नेता बासनगौड़ पाटिल यतनाल ने इस बार यह कहते हुए बगावती सियासी धमाका किया है कि पीएम नरेंद्र मोदी का मानना है कि अगला मुख्यमंत्री उत्तर कर्नाटक से होगा.
कहा तो यह जा रहा है कि एक तो येदियुरप्पा की उम्र बढ़ती जा रही है और दूसरा पार्टी पर उनकी पकड़ भी ढीली होती जा रही है.कहा तो यह भी जा रहा है कि यह तय हो गया है कि येदियुरप्पा के बाद उनका उत्तराधिकारी, मतलब- अगला सीएम उत्तर कर्नाटक से होगा.
लिहाजा, बगावत के इन बुलंद होते स्वरों के बीच यह बड़ा सवाल है कि- क्या येदियुरप्पा अपना कार्यकाल पूरा कर पाएंगे? इससे पहले भी कोरोना संकट काल में मई माह में भी बगावत के स्वर सुनाई दिए थे, जब उमेश कट्टी और मुरगेश निरानी ने बगावत की आवाज बुलंद की थी, लेकिन तब कोरोना संकट के कारण उसका कोई खास नतीजा नहीं निकला था.
यह बात अलग है कि बगावत के उठते इन स्वरों के बीच उप-मुख्यमंत्री डॉ. आश्वत नारायण जैसे येदियुरप्पा समर्थक भी हैं, जो कहते हैं कि वे ही हमारे नेता हैं, इसमें किसी तरह का कोई संदेह नहीं होना चाहिए.
बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व की दिक्कत यह है कि तमाम सियासी बातों के बावजूद येदियुरप्पा का कोई विकल्प नहीं है. यदि वे सीएम नहीं रहे, तो प्रदेश में बीजेपी सरकार भी बची रहेगी, इस पर भी प्रश्नचिन्ह है?