Karnataka Assembly Elections 2023: बेल्लारी में भरभरा कर ढह गया रेड्डी बंधुओं का सियासी किला

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 14, 2023 10:24 AM2023-05-14T10:24:40+5:302023-05-14T10:30:06+5:30

कर्नाटक के बेल्लारी में बीते कई दशकों से सियासी प्रभाव रखने वाले गली जनार्दन रेड्डी ने भले ही बेल्लारी शहर निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज कर ली, लेकिन विधानसभा चुनाव में बेल्लारी से रेड्डी बंधुओं की सियासी जमीन बेहद कमजोर नजर आ रही है।

Karnataka Assembly Elections 2023: Political fort of Reddy brothers collapses in Bellary | Karnataka Assembly Elections 2023: बेल्लारी में भरभरा कर ढह गया रेड्डी बंधुओं का सियासी किला

Karnataka Assembly Elections 2023: बेल्लारी में भरभरा कर ढह गया रेड्डी बंधुओं का सियासी किला

Highlightsकर्नाटक के बेल्लारी में अवैध खनन के आरोपों में फंसे जे जनार्दन रेड्डी की सियसत कमजोर होती जा रही है इस चुनाव में रेड्डी खुद के अलावा अपनी पत्नी अरुणा लक्ष्मी समेत पार्टी के 46 उम्मीदवारों को नहीं जीता सके रेड्डी परिवार की आंतरिक कलह भी जनार्दन रेड्डी के राजनैतिक पतन का कारण बनी है

बेंगलुरु: कर्नाटक की सियासत में बेहद गहरी पैठ रखने वाले कल्याण राज्य प्रगति पक्ष के संस्थापक गली जनार्दन रेड्डी ने बेल्लारी शहर निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज की है, लेकिन इस विधानसभा चुनाव में रेड्डी बंधुओं की सियासी जमीन बेहद कमजोर नजर आयी। यही कारण है कि इस चुनाव में रेड्डी खुद के अलावा अपनी पत्नी अरुणा लक्ष्मी समेत पार्टी के 46 उम्मीदवारों में से किसी को भी विधानसभा की दहलीज तक पहुंचाने में कामयाब नहीं हो सके।

इस संबंध में कर्नाटक की सियासी नब्ज को परखने वाले जानकारों का कहना है कि साल 2011 में खनन मामले में रेड्डी की गिरफ्तारी के बाद से बेल्लारी में रेड्डी बंधुओं का प्रभुत्व लगातार कमजोर हुआ है और सुप्रीम कोर्ट द्वारा जनार्दन रेड्डी को बेल्लारी जिले में प्रवेश करने से रोकने के बाद से तो बेल्लारी की सियासत रेड्डी परिवार से लगभग फिसल गई है।

वहीं अगर संपन्न हुए मौजूदा चुनाव की बात करें तो रेड्डी परिवार की आंतरिक कलह भी कल्याण राज्य प्रगति पक्ष के पतन का कारण बना है। समाचार वेबसाइट डेक्कन हेराल्ड के मुताबिक साल 2008 में भाजपा को सत्ता का स्वाद चखाने और फिर उसी भाजपा को सत्ता के सुख से वंचित करने वाले जनार्दन रेड्डी और उनका परिवार आज की तारीख में बेबस है।

बेल्लारी से तत्कालीन विधायक सोमशेखर रेड्डी, हरपनहल्ली के एसएलए करुणाकर रेड्डी और परिवहन मंत्री रहे बी श्रीरामुलु पर बेल्लारी में अवैध खनन का आरोप है। आरोप तो यहां तक लगते हैं कि बेल्लारी को रेड्डी बंधुओं का किला कहा जाता था लेकिन इस चुनावी -हार ने साबित कर दिया है कि बेल्लारी रेड्डी बंधुओं के प्रभाव से आजाद हो गया है।

इसका सबसे बड़ा सबूत यह है कि रेड्डी बंधु अब बेल्लारी की सियासत में वो मुकाम नहीं रखते हैं अन्यथा अवैध खनन में शामिल अधिकांश आरोपी इस चुनाव में हारते नहीं। भाजपा के टिकट पर खड़े सोमशेखर रेड्डी बेल्लारी से कांग्रेस के नारा भरत रेड्डी से हार गए हैं। ऐसा लगता है कि सोमशेखर की भाभी अरुणा लक्ष्मी ने अपने पति जनार्दन रेड्डी की पार्टी कल्याण राज्य प्रगति पक्ष से चुनाव लड़कर भाजपा के वोटों में अच्छीखासी सेंधमारी कर दी।

इसी तरह, करुणाकर रेड्डी सांसद एमपी प्रकाश की बेटी और निर्दलीय उम्मीदवार लता मल्लिकार्जुन से अपनी सीट हार गए। वहीं अवैध खनन मामलों के एक अन्य आरोपी और पूर्व पर्यटन मंत्री आनंद सिंह भी अपने बेटे सिद्धार्थ सिंह को विजयनगर निर्वाचन क्षेत्र की सीट जीतने में विफल रहे।

Web Title: Karnataka Assembly Elections 2023: Political fort of Reddy brothers collapses in Bellary

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे