Karnataka Assembly Elections 2023: जेडीएस ने चुनावी घोषणा पत्र में किया ऐलान, 'सरकार बनी तो मुसलमानों का रद्द किया गया 4 फीसदी आरक्षण करेंगे बहाल'

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 28, 2023 11:30 AM2023-04-28T11:30:10+5:302023-04-28T15:15:15+5:30

जेडीएस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी घोषणापत्र (मेनिफेस्टो) जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि पार्टी अगर आगामी विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करती है तो वह बोम्मई सरकार द्वारा रद्द किये गये मुस्लिमों के चार फीसदी आरक्षण को फिर से बहाल कर देगी।

Karnataka Assembly Elections 2023: JDS announced in the election manifesto, if the government is formed, the canceled 4 percent reservation for Muslims will be restored | Karnataka Assembly Elections 2023: जेडीएस ने चुनावी घोषणा पत्र में किया ऐलान, 'सरकार बनी तो मुसलमानों का रद्द किया गया 4 फीसदी आरक्षण करेंगे बहाल'

फाइल फोटो

Highlightsजेडीएस ने चुनावी घोषणापत्र में मुसलमानों से 4 फीसदी आरक्षण बहाल करन का वादा किया जेडीएस ने कहा कि अगर सरकार बनी तो अमूल को सूबे के बाहर का रास्ता दिखाएंगे निजी क्षेत्र की कंपनियों में कन्नडिगों को नौकरियों देने के लिए आरक्षण का कानून लाएंगे

बेंगलुरु: कर्नाटक में भाजपा सरकार द्वारा रद्द किया गया 4 फीसदी मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा अब सीधे तौर पर चुनावी सियासत का केंद्र बिंदू बनता जा रहा है। विरोधी दल कांग्रेस और जेडीएस इसे लेकर बेहद आक्रमक हैं और दोनों ही अपने-अपने स्तर पर इसे लेकर दावे कर रहे हैं कि अगर वो चुनाव बाद सत्ता हासिल करते हैं तो मुस्लिमों को 4 फीसदी आरक्षण फिर से बहार कर देंगे।

जेडीएस के चुनावी घोषणा पत्र को विधायक दल के नेता एचडी कुमारस्वामी, जेडीएस राज्य प्रमुख सीएम इब्राहिम और घोषणा पत्र समिति के प्रमुख बीएम फारूक सहित अन्य नेताओं ने जारी किया है। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की पार्टी जेडीएस ने गुरुवार को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए अपना चुनावी घोषणापत्र (मेनिफेस्टो) जारी किया। जिसमें पार्टी ने मुसलमानों से वादा किया है कि अगर वो आगामी विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करते हैं और सरकार बनाते हैं तो बोम्मई सरकार द्वारा रद्द किये गये मुस्लिमों के चार फीसदी आरक्षण को फिर से बहाल कर देंगे।

इसके साथ ही पार्टी अपने मतदाताओं को कन्नड़िगा अस्मिता का हवाला देते हुए यह वादा भी कर रही है कि अगर उनकी सरकार बनेगी तो वह गुजरात के आणंद सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ (अमूल) को सूबे के बाहर का रास्ता दिखा देगी और कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) के नंदिनी ब्रांड को बतौर कन्नड़िगा पूरे देश में पहचान बनाने के लिए काम करेगी।

इसके साथ ही पूर्व पीएम देवेगौड़ा की पार्टी ने निजी क्षेत्र की कंपनियों में कन्नडिगों को नौकरियों देने के लिए आरक्षण कानून लाने का वादा किया है और साथ ही पार्टी ने आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को मुफ्त उच्च शिक्षा प्रदान करने का वादा किया है। जहां तक मुस्लिम आरक्षण विवाद का सवाल है तो सत्ताधारी भाजपा ने धर्म के आधार पर मुस्लिमों को मिल रहे 4 फीसदी आरक्षण को संवैधानिक तौर पर अवैध बताते हुए समाप्त कर दिया था। जिसके बाद पूरे सूबे में सियासी उबाल आ गया था।

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अगुवाई वाली राज्य सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा के तहत मुसलमानों को मिल रहे चार फीसदी आरक्षण को खत्म करके उन्हें वोक्कालिगा और लिंगायत के बीच समान रूप से 2-2 फीसदी बांट दिया था। जिसका न केवल जेडीएस बल्कि कांग्रेस ने भी विरोध किया था लेकिन अब जेडीएस ने बाकायदा अपने चुनावी घोषणापत्र में स्पष्ट कर दिया है कि अगर चुनाव बाद उनकी सरकार बनती है तो मुसलमानों का रद्द किया गया 4 फीसदी आरक्षण बहाल किया जाएगा।

जहां तक नंदिनी बनाम अमूल का मुद्दा है तो उसमें भी जेडीएस ने चुनावी घोषणा पत्र के माध्यम से ऐलान कर दिया है वो किसी भी कीमत पर कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) के ब्रांड नंदिनी को बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सूबे में यह विवाद तब उठा, जब 5 अप्रैल को कंपनी अमूल ने ट्वीट करके लिखा कि वह बेंगलुरु में दूध और दही के साथ साथ कुछ मिल्क प्रोडक्ट्स की सप्लाई करेगा।

इसमें विवाद ने इस कारण तूल पकड़ लिया था क्योंकि अमूल द्वारा 5 अप्रैल को किये ऐलान से कुछ दिन पहले कर्नाटक और तमिलनाडु में अमूल की दही को लेकर विवाद छिड़ गया था। मामला दही के पैकेट पर हिंदी में 'दही' लिखे जाने का था। दरअसल कर्नाटक की कन्नड भाषा में दही को मोसारू और तमिल में तयैर कहा जाता है। पहले दही के पैकेट पर यही नाम लिखे भी जाते थे लेकिन भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने मार्च में दक्षिण भारत में दही बनाने वाली सहकारी संस्थाओं को आदेश दिया कि वे अब दही के पैकेट पर हिंदी में दही लिखेंगे। जिसके बाद दही में हिंदी बनाम दक्षिण का विवाद जुड़ गया था।

कर्नाटक में विपक्षी कांग्रेस और जेडीएस ने विवाद में सियासी रंग दे दिया कि कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) के ब्रांड नंदिनी का अमूल में विलय हो सकता है, जबकि भाजपा सरकार द्वारा इन बातों का लगातार खंडन किया जाता रहा। लेकिन विपक्ष के निशाने पर थे केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह क्योंकि थोड़ा और पहले चलेंगे तो 30 दिसंबर 2022 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक के मंड्या में 260 करोड़ रुपये की लागत से बनी एक मेगा डेयरी का उद्घाटन किया था।

उस मौके पर केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा था कि अमूल और नंदिनी मिलकर कर्नाटक के हर गांव में प्राइमरी डेयरी स्थापित करने के लिए काम करेंगे और आने वाले 3 साल में कर्नाटक में एक भी ऐसा गांव नहीं होगा जहां प्राइमरी डेयरी नहीं होगी। विपक्षी दलों खासकर जेडीएस और कांग्रेस ने उस वक्त भी अमित शाह के बयान का विरोध किया था। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्दारमैया ने आरोप लगाया था कि अमित शाह गुजरात के सहकारी दुग्ध समिति के जरिये कर्नाटक के डेयरी सेक्टर पर कब्जा करना चाहते हैं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भी कहा था कि यह कन्नड़ लोगों को गुजरात का गुलाम बनाने की कोशिश है।

खैर तो यह रही अमूल बनाम नंदिनी विवाद की पूरी कहानी, अब फिर से बात करते हैं जेडीएस के चुनावी घोषणा पत्र की। जेडीएस ने किसानों  के लिए "रायता बंधु" नाम से एक योजना की बात कही है, जिसमें हर महीने कृषि श्रमिक परिवारों को 2,000 रुपये देने का वादा किया गया है। इसके साथ ही किसान युवकों से शादी करने वाली लड़कियों को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

जेडीएस के घोषणापत्र में किये गये अन्य वादों की बात करें तो गर्भवती महिलाओं के लिए छह महीने के लिए 6,000 रुपये, 'स्त्री शक्ति' स्वयं सहायता समूहों के लिए ऋण माफी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए पेंशन, ऑटो चालकों के लिए 2,000 रुपये प्रति माह, महिलाओं के लिए 2,000 रुपये शामिल हैं। पंजीकृत निजी सुरक्षा गार्ड और सीएम राहत कोष के तहत दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए 25 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।

पार्टी ने सिंचाई क्षेत्र में अपनी योजनाओं को विस्तार देते हुए बताया है कि ऊपरी भद्रा परियोजना के लिए मौजूदा 2,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5,000 करोड़ रुपये करना और अगले चार वर्षों में इस परियोजना को पूरा करना और चार साल में 'येटिनाहोल' परियोजना को पूरा करने का भी वादा किया गया है।

इसके साथ ही जेडीएस राष्ट्रीय पेंशन योजना की समीक्षा करेगी, स्कूली बच्चों के लिए मुफ्त साइकिल योजना की फिर से शुरुआत करेगी, उच्च शिक्षा में पढ़ रही लड़कियों के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटर, 30 लाख बेघरों के लिए आवास, हरित ऊर्जा को प्रोत्साहित करने का वादा भी घोषणापत्र में शामिल है। इसके साथ ही कुमारस्वामी ने कहा है कि पार्टी आने वाले दिनों में बेंगलुरु के लिए एक अलग घोषणापत्र जारी करेगी।

Web Title: Karnataka Assembly Elections 2023: JDS announced in the election manifesto, if the government is formed, the canceled 4 percent reservation for Muslims will be restored

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे