Karnataka Assembly Elections 2023: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरते हुए कहा, "बजरंग दल से बजरंग बली की तुलना पाप है, माफी मांगें"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 3, 2023 05:36 PM2023-05-03T17:36:13+5:302023-05-03T17:39:30+5:30
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने बजरंग बली से बजरंग दल की तुलना करके करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम किया है। इसलिए उन्हें सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए।
उडुपी: कर्नाटक चुनाव में अब भाजपा और कांग्रेस के बीच 'बजरंगबली बनाम बजरंग दल' का पेंच फंस गया है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में जैसे ही बजरंग दल पर बैन लगाने का वादा किया, सत्ताधारी भाजपा उस पर हमलावर हो गई। मामले में स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते मंगलवार को कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और बजरंग दल पर बैन लगाने के कांग्रेस के वादे की घोर निंदा की। प्रधानमंत्री मोदी ने बेहद तल्ख लहजे में कहा कि हिंदू विरोधी कांग्रेस अब राम के बाद बजरंग बली के प्रति भी अपने नफरत का सार्वजनिक प्रदर्शन कर रही है, तभी उसने बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा अपने चुनावी घोषणा पत्र में किया है।
वहीं प्रधानमंत्री मोदी के किये हमले का जवाब देते हुए कांग्रेस ने उल्टा पीएम मोदी पर बजरंग बली के अपमान और करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है। इस संबंध में कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने बुधवार को उडुपी में कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजरंग बली से बजरंग दल की तुलना करके भयानक पाप किया है। इससे न केवल कर्नाटक के 6.5 करोड़ लोग बल्कि पूरे देश के हिंदू जनमानस को बहुत धक्का लगा है। कांग्रेस मांग करती है कि प्रधानमंत्री मोदी बजरंग बली की तुलना बजरंग दल जैसे संगठन से करने के लिए बिना शर्त माफी मांगने की मांगें।"
कांग्रेस प्रवक्ता ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री और उनकी भाजपा वाली कंपनी 40 फीसदी कमीशन वाली अपनी सरकार के बारे में बोलने से इनकार करते हैं और चुनाव में वोट पाने के लिए हनुमान जी के नाम पर ध्रुवीकरण का खेल खेल रहे हैं। मोदीजी और भाजपा को अब कर्नाटक ही नहीं हर चुनाव में भ्रष्टाचार, कमर तोड़ महंगाई, बेतहाशा बेरोजगारी, सराकरी धन के दुरुपयोग पर जनता के सवालों का जवाब देना होगा। वो कब तक बजरंग दल की आड़ में बुनियादी मुद्दों का जवाब देने से बचते रहेंगे।"
उन्होंने कहा, "संविधान और कानून स्पष्ट लिखा हैं कि यदि कोई नेता, चाहे वो देश का प्रधानमंत्री ही क्यों न हो। अगर जाति या धर्म के आधार पर नफरत या दुश्मनी फैलाकर वोट इकट्ठा करने का कारम करता है और उन संगठनो की वकालत करता है, जो देश की कानून-व्यवस्था के लिए खतरा हैं, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। हमारे प्रधानमंत्री को तो दिवंगत प्रधानमंत्री अलट बिहारी वाजपेयी भी राज धर्म का पालन करने की सलाह दे चुके हैं, भला वो या उनकी पार्टी के मुख्यमंत्री संविधान की शपथ लेकर ऐसा करने से कैसे इनकार कर सकते हैं।”
गौरव वल्लभ ने आगे कहा, "प्रधानमंत्री को माफी मांगनी चाहिए कि भला उन्होंने कैसे भगवान हनुमान की तुलना ऐसे संगठन से की, जो अब हिंदू आतंक फैलाने का काम कर रहा है। पीएम मोदी ने भगवान हनुमान की तुलना बजरंग दल से करके लाखों-करोड़ों हिंदू भक्तों का अपमान किया है, जो बजरंग बली की पूजा करते हैं।"
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री मोदी से सवाल करते हुए पूछा, “क्या प्रधानमंत्री बजरंग दल संगठन को बजरंग बली का प्रतिनिधी मानते हैं, उनसे तुलना करते हैं। वो ऐसा संगठन है, क्या वो एक ऐसा संगठन नहीं है, जिसने एक दलित युवक की हत्या की थी? आप कैसे ऐसे संगठन की तुलना हनुमान जी से कर सकते हैं? क्या आप मृत दलित युवक के घर पर गए? क्या आपने अपनी 40 फीसदी कमीशन वाली कर्नाटक सरकार को दलित युवक की हत्या में शामिल आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए कहा? क्या आपका हिंदू होने का मतलब दलित नहीं होता है?”