Karnataka Assembly Elections 2023: कांग्रेस ने 'नंदिनी बनाम अमूल' विवाद में गृह मंत्री अमित शाह पर किया हमला, कहा- "थोप रहे हैं अमूल"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 11, 2023 02:13 PM2023-04-11T14:13:20+5:302023-04-11T14:20:04+5:30
कर्नाटक कांग्रेस ने नंदिनी विवाद के क्रम में अब प्रदेश भाजपा नेताओं के इतर सीधे देश के गृह मंत्री अमित शाह को लपेटे में लिया है। कांग्रेस का आरोप है कि गुजरात का दुग्ध उत्पाद अमूल कर्नाटक में आ रहा है तो इसके पीछे अमित शाह की सोच है।
बेंगलुरु: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है। कांग्रेस और भाजपा के बीच चल रहा चुनावी संघर्ष बेहत तीखा होता जा रहा है। एक तरफ कांग्रेस आरोप लगा रही है कि भाजपा स्थानीय दुग्ध उत्पाद ब्रांड नंदिनी को खत्म करने के लिए गुजरात के मशहूर दुग्ध उत्पाद अमूल को थोप रही है। वहीं भाजपा का कहना है कि नंदिनी का ग्राफ कर्नाटक में उसी तरह से बना रहेगा और उसका अमूल में विलय नहीं हो रहा है लेकिन कांग्रेस इस विवाद में जनता के बीच भ्रम पैदा करने का प्रयास कर रही है।
नंदिनी विवाद के क्रम में कांग्रेस ने अब सीधे देश के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लपेटे में लिया है। कांग्रेस का आरोप है कि गुजरात का दुग्ध उत्पाद अमूल कर्नाटक में आ रहा है तो इसके पीछे केवल और केवल अमित शाह हैं। भाजपा पर 'नंदिनी' की जगह 'अमूल' को आगे बढ़ाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने दावा किया कि अमूल के कर्नाटक में लाने का सीधा मतलब है कि नंदिनी को खत्म किया जाना है और यह काम सीधे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर जानबूझ कर किया जा रहा है।
कांग्रेस ने इस संबंध में आधिकारिक बयान जारी करते हुए अमूल के कर्नाटक में आगमन को अमित शाह की मंशा बताया जा रहा है। कर्नाटक कांग्रेस के नेता श्रीवत्स ने कहा कि स्थानीय भाजपा नेता बताएं कि उनके लिए कर्नाटक में डेयरी उपक्रम से जुड़े 26 लाख दुग्ध उत्पादक आवश्यक हैं या फिर जो अमित शाह चाहते हैं वह महत्वपूर्ण है।
कर्नाटक कांग्रेस ने कहा, "यह सारी साजिश सीधे तौर पर अमित शाह के इशारे पर हो रही है। इस प्रयास से अमूल को कर्नाटक में खुली छूट दी जाएगी और स्वराज्यीय दुग्ध उत्पाद नंदिनी की पहचान को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा। यही कारण है कि कर्नाटक सरकार अमूल को एक महान ब्रांड बताकर जनता के बीच पेश कर रही है।
इसके साथ ही कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि कर्नाटक भाजपा के नेताओं को इस बात का श्रेय दिया जाना चाहिए कि वो अमित शाह की इच्छा के लिए राज्य के लाखों डेयरी किसानों के खिलाफ साजिश कर रहे हैं, ताकि शाह के सामने अपनी वफादारी का सबूत दे सकें।
भाजपा की 40 फीसदी कमीशन वाली सरकार ने अमूल के पक्ष में और नंदिनी के खिलाफ जाकर गरीब लोगों की आजीविका को खत्म करने की साजिश रच रही है। इसलिए अब समय आ गया है कि जनता कांग्रेस को वोट देकर कर्नाटक के गौरव की रक्षा करे, जिसे भाजपा ने चोट पहुंचाई है।
कांग्रेस ने कहा कि उसकी पिछली सरकार में क्षीर भाग्य योजना चलाई गई थी, जिसके तहत किसानों को 5 रुपये प्रति लीटर की प्रोत्साहन राशि दी गई थी और इसके कारण 2014 में दूध उत्पादन 43 लाख लीटर से बढ़कर 2018 में 75 लाख लीटर हो गया था।