बीएस येदियुरप्पा कल शाम 4 बजे विधान सभा में साबित करें बहुमत: सुप्रीम कोर्ट
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: May 18, 2018 11:31 AM2018-05-18T11:31:39+5:302018-05-18T12:01:11+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा कोई भी नीतिगत फैसला नहीं लेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल द्वारा
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के 32वें सीएम बीएस येदियुरप्पा को विधान सभा में बहुमत साबित करने के लिए शनिवार (19 मई) साम चार बजे का वक्त दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी के वकील मुकुल रोहतगी के उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कम से कम सोमवार तक का वक्त माँगा था लेकिन सर्वोच्च अदालत ने उनकी दलील को खारिज कर दिया। कर्नाटक सरकार के वकील ने सर्वोच्च अदालत से कहा कि बहुमत परीक्षण के पहले सभी नए 222 विधायकों को शपथ दिलायी जाएगी और विधान सभा अध्यक्ष का चयन होगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी जरूरी प्रक्रियाओं का पालन किया जाए लेकिन बहुमत पीरक्षण कल ही होगा। बीजेपी विधायक और नरेंद्र मोदी सरकार में मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि उनकी पार्टी शनिवार को कर्नाटक विधान सभा में बहुमत साबित कर देगी।
कांग्रेक नेता और सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सर्वोच्च अदालत ने 10 हफ्ते बाद की तारीख दी है। सिंघवी ने मीडिया से कहा, "राज्यपाल क्या ऐसी पार्टी को निमंत्रण दे सकते हैं जिसके पास केवल 104 विधायक हैं, दूसरी तरफ कांग्रेस-जेडीएस के पास 116-117 विधायक हैं, ऐसे में राज्यपाल किस तरह से 104 विधायकों वाली पार्टी को सरकार बनाने का न्योता दे सकते हैं।"
कर्नाटक विधान सभा में कुल 225 सीटें हैं जिनमें से 224 सीटों के लिए चुनाव होते हैं। एक सीट पर राज्यपाल एंग्लो-इंडियन समुदाय के किसी सदस्य को मनोनीत करते हैं। 12 मई को 222 सीटों के लिए मतदान हुआ। 15 मई को आए नतीजों में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला। बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78 और जेडीएस गठबंधन को 38 सीटों पर जीत मिली। एक सीट केपी जनता पार्टी और एक सीट निर्दलीय विधायक को मिली। कर्नाटक विधान सभा में बहुमत के लिए 112 विधायकों के समर्थन की जरूरत होती है। कांग्रेस ने राज्यपाल वजुभाई द्वारा वजुभाई वाला द्वारा एंग्लो-इंडियन समुदाय के विधायक को मनोनीत करने के खिलाफ भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर फैसला सुनाते हुए सर्वोच्च अदालत ने एंग्लो-इंडियन विधायक के मनोनयन पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेस दिया कि विश्वासमत से पहले एंग्लो-इंडियन विधायक को मनोनीत नहीं किया जा सकता।
पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वकील मुकुल रोहतगी ने अपनी दलील रखते हुए सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि सबसे बड़ा दल होने के नाते बीजेपी को सरकार बनाने का मौका दिया गया। जस्टिस सीकरी ने मुकुल रोहतगी की दलील पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यहाँ इसी पर विचार हो रहा है कि किसे सरकार बनाने का पहले मौका दिया जाना चाहिए था? मामले की सुनवाई जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस एसके बोबड़े और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने मुकुल रोहतगी से ये भी पूछा कि दोनों पक्ष यहाँ मौजूद हैं तो क्यों न कल ही बहुमत परीक्षण करा दिया जाए।
अभिषेक मनु सिंघवी ने माँग की है कि बहुमत परीक्षण की प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने एंग्लो-इंडियन सदस्य के मनोनित किए जाने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने सभी विधायकों को सुरक्षा दिए जाने के भी बात कह चुका है। कर्नाटक सरकार की तरफ से पेश तुषार मेहता ने कहा कि कांग्रेस-जेडीएस ने सरकार बनाने का दावा नहीं पेश किया था इन्होंने बस अपने समर्थन वाले विधायकों के नाम दिये थे।
कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने 16 मई देर शाम बीएस येदियुरप्पा का सरकार बनाने का न्योता दिया था। कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला द्वारा बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता देने के खिलाफ कांग्रेस और जनता दल (सेकुलर) 16 मई देर रात सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की पीठ ने आधी रात को मामले पर सुनवाई करते हुए शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बीएस येदियुरप्पा द्वारा राज्यपाल को 15 मई और 16 मई को सौंपे गये पत्र गुरुवार को सर्वोच्च अदालत में जमा करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार (18 मई) को नियत की थी। येदियुरप्पा ने गुरुवार (17 मई) को सुबह नौ बजे राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण के बाद कांग्रेस नेता सिद्धारमैया और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों ने बेंगलुरु स्थित राजभवन के बाहर प्रदर्शन किया। सिद्धारमैया ने दावा किया कि उनके गठबंधन के 118 विधायक राजभवन के बाहर मौजूद हैं। 17 मई रात को कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों को हैदराबाद ले जाया गया।
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कर्नाटक की दो सीटों जयनगर और आरआर नगर पर चुनाव रद्द कर दिये गये थे। जय नगर सीट के बीजेपी प्रत्याशी के निधन के बाद चुनाव रद्द करना पड़ा। आरआर नगर सीट पर एक फ्लैट में 10 हजार जाली वोटर आईडी कार्ड मिलने की वजह से चुनाव आयोग ने मतदान रद्द कर दिया। इन दोनों सीटों पर 28 मई को मतदान होगा और नतीजे 31 मई को आएंगे।
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15 मई को दोपहर जब ये साफ हो गया कि किसी भी दल को अकेले दम पर बहुमत नहीं मिल रहा है तो कांग्रेस ने अंतिम नतीजे आने से पहले ही जेडीएस को समर्थन देने की घोषणा कर दी। कांग्रेस के विधायकों ने जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में लिखित समर्थन दिया। जेडीएस और कांग्रेस नेताओं ने राज्यपाल वजुभाई से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। वहीं बीजेपी विधायक दल के नेता बीएस येदियुरप्पा ने सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। राज्यपाल वजुभाई ने 16 मई देर शाम येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता दिया और बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का वक्त दिया।
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कांग्रेस और जेडीएस की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए सीनियर एडवोकेट और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि कांग्रेस-जेडीएस के पास बहुमत था फिर भी बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिया गया और इससे विधायकों की खरीद-फरोख्त को बढ़ावा मिलेगा। सिंघवी ने सर्वोच्च अदालत से कहा कि येदियुरप्पा ने राज्यपाल से बहुमत साबित करने के लिए सात दिनों का वक्त माँगा था जबकि उन्हें 15 दिनों का समय दिया गया।
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