कांग्रेस के ये 4 MLA हैं शक के घेरे में, दो विधान सभा नहीं पहुंचे, दो शपथ लेकर हुए 'गायब'

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: May 18, 2018 03:16 PM2018-05-18T15:16:55+5:302018-05-19T14:02:32+5:30

कर्नाटक के 32वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले चुके बीएस येदियुरप्पा को शनिवार शाम 4 बजे बहुमत साबित करना है। बीजेपी के पास कुल 104 विधायक ही हैं।

Karnataka Assembly Election 2018 4 congress mla who are allegedly in touch with bjp | कांग्रेस के ये 4 MLA हैं शक के घेरे में, दो विधान सभा नहीं पहुंचे, दो शपथ लेकर हुए 'गायब'

Karnataka assembly election 2018

बेंगलुरु, 19 मई:  सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार बीजेपी विधायक दल के नेता बीएस येदियुरप्पा शनिवार (19 मई) शाम चार बजे विधान सभा में बहुमत साबित करेंगे। कर्नाटक के मौजूदा कुल 222 विधायकों में से दो शनिवार को नहीं पहुंचें। वहीं कांग्रेस के दो अन्य विधायक शपथ लेने के बाद गायब बताए जा रहे हैं। बहुमत साबित करने के लिए येदियुरप्पा को बहुमत परीक्षण के दौरान सदन वैध मतदान करने वाले विधायकों में आधे से एक अधिक विधायक का समर्थन चाहिए होगा। कांग्रेस विधायक आनंद सिंह और प्रतापगौड़ा पाटिल विधान सभा पहुंचे ही नहीं। आइए जानते हैं ये दोनों विधायक कौन हैं। और इनके अलावा कांग्रेस के किन दो विधायकों के बीजेपी से अंदरखाने हाथ मिलाने का संदेह है।

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1- आनंद सिंह- जिन दो कांग्रेस विधायकों के  "लापता" होने की बात कही जा रही है उनमें पहले हैं आनंद सिंह। विजयनगर (बेल्लारी) से दो बार विधायक रह चुके आनंद सिंह। आनंद सिंह कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार के सम्पर्क में थे। खदान कारोबारी आनंद सिंह शपथ ग्रहण के बाद विधायक पद से इस्तीफा दे सकते हैं। आनंद सिंह साल 2008 से 2013 तक बीजेपी की येदियुरप्पा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। आनंद सिंह ने जनवरी 2018 में बीजेपी छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गये। आनंद सिंह को नवंबर 2013 में गिरफ्तार किया गया था। मार्च 2015 में उन्हें सशर्त जमानत मिली थी। आनंद सिंह 16500 करोड़ रुपये के खनन घोटाले में जनार्दन रेड्डी के साथ सह-अभियुक्त हैं। आनंद सिंह को रेड्डी बंधुओं का करीबी माना जाता है। जनार्दन रेड्डी के भाई इस चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार थे। एचडी कुमारस्वामी ने आरोप लगाया है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार आनंद सिंह को डराने के लए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का दुरुपयोग कर रही है। हालाँकि बीजेपी और मोदी सरकार ऐसे आरोपों को गलत बताती है। 

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2- प्रतापगौड़ा पाटिल- कांग्रेस के  "लापता" होने वाले दूसरे विधायक हैं प्रतापगौड़ा पाटिल। कांग्रेस के विधायक प्रतापगौड़ा पाटिल रायचुर के मस्की विधान सभा सीट से विधायक बने हैं। प्रतापगौड़ा खराब सेहत को बहाना बनाकर एगल्टन रिसॉर्ट से गायब हो गये। विधायकों की खरीद-फरोख्त की खबरों के बीच कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को इस रिसॉर्ट में रखा गया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रतापगौड़ा ने कांग्रेस से पहले बीजेपी से टिकट माँगा था लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। साल 2008 में प्रतापगौड़ा बीजेपी के टिकट पर विधायक बने थे। इस बार वो कांग्रेस के टिकट पर सदन में पहुंचे हैं।   3- नागेद्र- कांग्रस विधायक नागेंद्र पर भी बीजेपी के साथ जाने का शक जताया जा रहा है। नागेंद्र लापता नहीं हैं लेकिन माना जा रहा है कि वो अंतिम समय में पाला बदल सकते हैं। नागेंद्र  साल 2008 में निर्दलीय के रूप में चुनाव जीते थे। साल 2013 में नागेंद्र कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते। नागेंद्र बीजेपी नेता श्रीरामुलु के रिश्तेदार बताए जाते हैं। नागेंद्र कांग्रेस में शामिल होते समय पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को वाल्मीकि की स्वर्णजड़ित प्रतिमा दी थी जिसकी कीमत करीब 60 लाख रुपये आंकी गयी।

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4- एमवाई पाटिल- अफजलपुर के विधायक एमवाई पाटिल पर भी बीजेपी के सम्पर्क में होने का शक जताया जा रहा है। रिपोर्ट के अऩुसार एमवाई पाटिल भी फिलहाल कांग्रेस के साथ हैं लेकिन अंत समय में अपना असली रंग दिखा सकते हैं। एमवाई पाटिल ने बीजेपी के उम्मीदवार एम गुट्टेदार को करीब 10 हजार वोटों से हराया। अफजालपुर सीट पर जेडीएस के उम्मीदवार राजू गौड़ा रिवू को करीब 13300 वोट मिले।

क्या है विधान सभा का मौजूदा अंकगणित- कर्नाटक की 224 विधान सभा सीटों में से 222 विधान सभा सीटों के लिए 12 मई को चुनाव हुए थे। 15 मई को आए परिणाम में बीजेपी को 104 सीटें, कांग्रेस को 78 सीटें और जेडीएस गठबंधन को 38 सीटें मिलीं। एक सीट केपी जनता पार्टी ने और एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार ने जीती। राज्य की दो विधान सभा सीटों जय नगर और आरआर नगर पर चुनाव टाल दिये गये थे। इन दोनों सीटों के लिए चुनाव 28 मई को होंगे। नतीजे 31 मई को आएंगे। कर्नाटक विधान सभा में एक सीट एंग्लो-इंडियन के लिए आरक्षित है। इस सीट के लिए विधायक को राज्यपाल मनोनीत करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में एंग्लो-इंडियन सीट पर विधायक को मनोनीत करने पर रोक लगा दी है। दूसरी तरफ टूटफूट के डर से सभी मौजद कांग्रेस और जेडीएस विधायकों को 17 मई की रात बेंगलुरु से हैदराबाद ले जाया गया है। ये सभी विधायक हैदराबाद के पार्क हयात होटल में रुकें हैं।

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